श्रीमती सिंघल ने कहा है कि क्षेत्र की अनुकूलता के अनुरूप तीन-चार पशु-पक्षी प्रजनन केंद्र के लिए सितंबर के प्रथम सप्ताह तक विस्तृत प्रस्ताव कृषि विभाग दो दें, ताकि प्रत्येक केवीके एक मिनी कृषि विवि का स्वरूप ले सके. उन्होंने भेड़ प्रक्षेत्र, बकरी प्रक्षेत्र, सूअर प्रक्षेत्र एवं कुक्कुट प्रक्षेत्र का भी भ्रमण किया. इसके बाद विवि में लंबित मामलों के त्वरित निबटारे के लिए कुलपति डॉ पी कौशल सहित विभाग एवं विवि के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने निर्देश दिया कि सितंबर के प्रथम सप्ताह में (सत्र 2017-18) सभी स्नातक विद्यार्थियों की एक इंडक्शन बैठक हॉल में बुलायी जाये. इसके लिए कृषि विभाग मुख्यमंत्री को आमंत्रित करेगा.
कृषि सचिव ने विवि के कुलपति से कहा कि बीएयू के मुख्य परिसर कांके में भेड़, बकरी, सूअर, मुर्गी, बत्तख, ईमू एवं गाय के न्यूक्लियस प्रजनन केंद्र की स्थापना तथा वर्तमान पशु-पक्षी प्रक्षेत्र के विकास एवं विस्तार के लिए परियोजना प्रस्ताव तकनीकी स्वीकृति करायें. साथ ही कृषि विभाग को प्रस्ताव दें, ताकि राज्य योजना मद से इसके लिए नवंबर माह में राशि निर्गत की जा सके. विवि द्वारा प्रमंडल स्तर पर भी ऐसे केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव दिया जा सकता है. सुदृढीकरण योजना के अंतर्गत प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र को भी जगह एवं विशेषज्ञ उपलब्ध करायें.
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि गौरिया करमा प्रक्षेत्र में रबी मौसम में 600 एकड़ में बीज उत्पादन होना चाहिए, ताकि राज्य के लिए जरूरी 3.73 लाख क्विंटल गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. बैठक में झारखंड के कृषि निदेशक राजीव कुमार, डॉ सुभाष सिंह, विजय कुमार, डॉ मुकुल कुमार सिंह तथा विकास कुमार भी उपस्थित थे.