बावजूद इसके न तो आइलेक्स प्रबंधन नींद से जाग रहा है और न ही सिनेमा दंडाधिकारी के स्तर से कोई ठोस कार्रवाई अब तक की गयी है. अग्निशमन मुख्यालय ने लोकहित में सिनेमा प्रबंधन के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की भी अनुशंसा दंडाधिकारी से की है. यह अनुशंसा सिर्फ इस बार ही नहीं, बल्कि जून 2016 में भी अग्निशमन मुख्यालय ने दंडाधिकारी को रिपोर्ट भेज की थी.
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दिल्ली के उपहार सिनेमा की तरह रांची के आइलेक्स में भी हो सकता है हादसा
रांची : आप सिनेमा के शौकीन हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाइये. आगजनी की स्थित में दिल्ली के उपहार सिनेमा जैसा हादसा रांची के हिनू स्थित आइलेक्स सिनेमा में भी हो सकता है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, इस हॉल में आगजनी से निबटने के लिए मौजूद सुरक्षा उपकरण कारगर नहीं है. […]
रांची : आप सिनेमा के शौकीन हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाइये. आगजनी की स्थित में दिल्ली के उपहार सिनेमा जैसा हादसा रांची के हिनू स्थित आइलेक्स सिनेमा में भी हो सकता है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, इस हॉल में आगजनी से निबटने के लिए मौजूद सुरक्षा उपकरण कारगर नहीं है. अग्निशमन मुख्यालय द्वारा रांची के जिला सिनेमा दंडाधिकारी को भेजी गयी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है.
पत्र लिख भूल गये अधिकारी : सिनेमा दंडाधिकारी के स्तर से आइलेक्स प्रबंधक को 24 जून 2016 को अग्निशमन मुख्यालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 24 घंटे के अंदर अग्निशमन यंत्र को दुरुस्त करने और विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का निर्देश दिया गया था. ऐसा नहीं करने पर सिनेमा नियमावली के तहत कार्रवाई करने की बात कही गयी थी. इसके बाद प्रबंधन ने अग्निशमन यंत्र दुरुस्त करने का दावा करते हुए एनओसी के लिए अग्निशमन मुख्यालय में आवेदन दिया था. जांच के बाद विभाग ने फिर पाया कि सिनेमा हॉल की स्थिति पहले वाली ही है. बिना अग्निशमन मुख्यालय की अनापत्ति के सिनेमा हॉल चल रहा है. प्रशासन को खबर नहीं है. मामले में पूछे जाने पर दंडाधिकारी राजेश कुमार कहते हैं कि उन्हें अग्निशमन मुख्यालय के पत्र की जानकारी ही नहीं है. ऐसे में रांची में चल रहे सिनेमा हॉल में सिने प्रेमियों की सुरक्षा भगवान के भराेसे है.
उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लाेग मारे गये थे
13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में आग लग गयी थी. उस वक्त लोग बॉर्डर फिल्म देख रहे थे. हादसे में 59 लोगों की जान चली गयी थी. इस हादसे से सिने प्रेमी दहल गये थे. इस भीषण हादसे में सिनेमा मालिकों की लापरवाही साफ तौर पर सामने आयी थी. सिनेमा हाॅल के बेसमेंट में रखे जेनरेटर से शुरू हुई आग धीरे-धीरे पूरे हॉल में फैल गयी थी. भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे. सिनेमा के मालिक गोपाल और सुशील अंसल को इस अग्निकांड का दोषी माना गया था. इनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी.
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