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प्लस टू स्कूलों में नहीं मिल रहे साइंस के शिक्षक
सुनील कुमार झा रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालय को विज्ञान संकाय में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. प्लस टू उच्च विद्यालय में अब तक दो बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. दोनों बार विज्ञान संकाय में शिक्षकों के पद रिक्त रह गये. राज्य गठन के बाद प्लस टू उच्च विद्यालय में विज्ञान संकाय […]
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालय को विज्ञान संकाय में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. प्लस टू उच्च विद्यालय में अब तक दो बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. दोनों बार विज्ञान संकाय में शिक्षकों के पद रिक्त रह गये. राज्य गठन के बाद प्लस टू उच्च विद्यालय में विज्ञान संकाय में 802 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई है, जिसमें से 447 शिक्षक चयनित हुए.
वर्ष 2012 में 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1840 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी. इसमें 607 पद रिक्त रह गये. इससे विज्ञान व गणित में शिक्षकों के सबसे अधिक पद रिक्त रह गये. गणित व विज्ञान में शिक्षकों के आधे पद रिक्त हैं. इन पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है. वर्ष 2012 में अंगरेजी में 230 में से मात्र 95 व गणित में 230 में से 109 व जीव विज्ञान में 230 में 136 पदों पर ही नियुक्ति हुई. वर्ष 2017 में 171 प्लस टू उच्च विद्यालय में 513 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. जिसमें भौतिकी में 79 व रसायन में 123 अभ्यर्थी का चयन हो सका. प्लस टू उच्च विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में 50 प्रतिशत पद हाइस्कूल में कार्यरत शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं. नियुक्ति में रिक्त रह गयी अधिकांश सीट हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित है.
भौतिकी में हाइस्कूल शिक्षकों के लिए 85 पद आरक्षित था, जिसमें से मात्र नौ शिक्षक ही नियुक्ति के लिए चयनित हो सके. जबकि रसायन में 85 में से 38 हाइस्कूल के शिक्षक प्लस टू में शिक्षक बनने के योग्य पाये गये. हाइस्कूल के शिक्षक प्लस टू की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं. हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीट रिक्त रह जाती है.
नहीं ला पाते 50 फीसदी अंक
प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में मेरिट लिस्ट के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक निर्धारित है. इसमें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को पांच फीसदी की छूट दी जाती है. उच्च विद्यालय में अभ्यर्थी जिस विषय के लिए आवेदन देते हैं, उनमें 50 फीसदी अंक लाना होता है. नियुक्ति परीक्षा में अभ्यर्थी 50 फीसदी अंक भी नहीं ला पाते हैं. राज्य में वर्तमान में 3080 प्लस टू हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. इसमें भी 50 फीसदी पद हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित है.
हाइस्कूल में पद रह जाता है खाली
राज्य के हाइस्कूलों में जब भी शिक्षक की नियुक्ति हुई, पद रिक्त रह गया.वर्ष 2010 में राजकीयकृत उच्च विद्यालय में 2300 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई थी. इनमें से 700 पद रिक्त रह गये.
वर्ष 2015 में अपग्रेड हाइस्कूल में 2513 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, उसमें से 832 पद रिक्त रह गये थे. राज्य में हाइस्कूल में वर्तमान में 17572 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति में आधे पद प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं.
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