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लिया संज्ञान : स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स प्रबंधन से किया सवाल, कौन है बच्चे की मौत का जिम्मेदार
रांची : स्वास्थ्य सचिव के सवाल पर रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने उन्हें बताया कि निजी जांच एजेंसी हेल्थ मैप से जानकारी मांगी गयी है. रिम्स के कर्मचारियों और गार्ड से भी पूछताछ की गयी है. कैश काउंटर से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि सीटी स्कैन के लिए कोई बच्चा को लेकर […]
रांची : स्वास्थ्य सचिव के सवाल पर रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने उन्हें बताया कि निजी जांच एजेंसी हेल्थ मैप से जानकारी मांगी गयी है. रिम्स के कर्मचारियों और गार्ड से भी पूछताछ की गयी है. कैश काउंटर से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि सीटी स्कैन के लिए कोई बच्चा को लेकर नहीं आया. हालांकि, इस मामले में प्रबंधन ने आंतरिक रूप से पड़ताल करा रहा है. इधर, रिम्स निदेशक ने साेमवार को हेल्थ मैप के अधिकारी बुला कर पूरे मामले की जानकारी ली. उनसे पूछा कि जब इमरजेंसी में रिम्स में आनेवाले मरीजों की जांच मुफ्त होती है, तो अाप लोग नि:शुल्क जांच क्यों नहीं करते हैं? जबकि इसके लिए आपको सरकार से पैसे मिलते हैं.
यह है मामला : करीब सात दिन पहले जगन्नाथपुर के मौसीबाड़ी निवासी संतोष कुमार के फूस के घर की छत गिर गयी. हादसे में उसका एक साल का बेटा श्याम घायल हो गया. उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी. परिजन पहले पास में ही किसी डॉक्टर के पास ले गये. पर ठीक नहीं होने के कारण रविवार को उसे लेकर रिम्स पहुंचे. श्याम को रिम्स के शिशु इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाया गया. डाॅक्टर ने श्याम का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. इसके बाद आनन-फानन में परिजन सीटी स्कैन की परची कटाने के लिए कैश काउंटर पर पहुंचे. पर 50 रुपये कम होने के कारण उसकी जांच नहीं हो पायी. बेबस पिता अपने बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टर और जांच घर के चक्कर लगाता रहा. आखिरकार उचित इलाज के अभाव में श्याम की मौत हो गयी.
निदेशक ने लिया वार्डों का जायजा : रिम्स निदेशक ने सोमवार को वार्डों का जायजा लिया. इस दौरान अत्यधिक परिजन देख वे भड़क गये. उन्होंने गार्ड व नर्स से कहा कि किसी भी मरीज के साथ एक से अधिक परिजन नहीं होना चाहिए.
बच्चे को समय पर अस्पताल लाते, तो हम बचाने की कोशिश करते : डॉ शेरवाल
रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने बताया कि करीब सात दिन पहले फूस का घर गिर जाने के कारण बच्चा उसमें दब गया था, जिससे उसके िसर में गंभीर चोट लगी थी. परिजन ने बच्चे को अस्पताल लाने में देर कर दी. अगर वे समय पर बच्चे को अस्पताल लाये होते, तो हम उसके बचाने की पूरी कोशिश करते. हमारे इमरजेंसी में आये गंभीर रूप से घायल मरीजों की नि:शुल्क जांच और सीटी स्कैन किया जाता है. यही व्यवस्था हेल्थ मैप को भी करनी है. यह जांच का विषय है कि हेल्थ मैप ने बच्चे की जांच क्यों नहीं की. रविवार को जो घटना हुई है, उसके संबंध में सरकार और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. हेल्थ मैप पर कार्रवाई का अधिकार सरकार को है, क्योंकि यह सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी है.
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