22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वेतन पर नौ करोड़ खर्च, उत्पादन 1800 करोड़ से अधिक

रांची : झारखंड में करीब 1800 करोड़ रुपये का मछली उत्पादन हर साल हो रहा है. राज्य गठन के समय मात्र 1.40 करोड़ किलो मछली का उत्पादन होता था. पिछले वित्तीय वर्ष 14.51 करोड़ किलो मछली का उत्पादन किया गया. राज्य गठन के बाद से यहां 10 गुना अधिक उत्पादन हो रहा है. वहीं विभाग […]

रांची : झारखंड में करीब 1800 करोड़ रुपये का मछली उत्पादन हर साल हो रहा है. राज्य गठन के समय मात्र 1.40 करोड़ किलो मछली का उत्पादन होता था. पिछले वित्तीय वर्ष 14.51 करोड़ किलो मछली का उत्पादन किया गया. राज्य गठन के बाद से यहां 10 गुना अधिक उत्पादन हो रहा है. वहीं विभाग वेतन मद में अपने कर्मियों को करीब नौ करोड़ रुपये दे रहा है. राज्य सरकार अब तक करीब 250 करोड़ रुपये मछली विभाग पर खर्च कर चुकी है. इसमें वेतन व अन्य मद भी शामिल हैं.

मत्स्य विभाग मछली उत्पादन के साथ-साथ रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी काम कर रहा है. राज्य गठन के बाद की 17 साल की यात्रा में करीब 1.26 लाख लोगों को सीधे तौर पर मछली उत्पादन के काम से जोड़ा गया है़ इन्हें रोजगार मिल रहा है. मत्स्य विभाग इन्हें मत्स्य मित्र बनाकर उत्पादन से सीधे जोड़ रहा है. राज्य के सभी प्रखंडों में मत्स्य मित्र बनाये गये हैं, जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध जलाशयों से मछली उत्पादन कर रहे हैं या सहयोग कर रहे हैं. 2017-18 की मांग से यह आज भी कम है.

राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मांग से अधिक उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है. अगले एक-दो साल में राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों में झारखंड से मछली भेजने का निर्णय लिया है. वैसे अभी भी राज्य राष्ट्रीय औसत उत्पादन से पीछे है. राष्ट्रीय औसत उत्पादन 2150 किलो प्रति हेक्टेयर है, जबकि राज्य में यह 1750 है.

क्या-क्या प्रयास किया गया
  • सभी जिलों में 5400 स्वैच्छिक स्थानीय मित्र बनाये गये
  • स्थानीय स्तर पर जिलों में बीज उत्पादक तैयार किये गये
  • मत्स्य बीज उत्पादन के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया गया
  • केज कल्चर से उत्पादन शुरू किया गया
  • देश का सबसे बेहतरीन केज कल्चर उत्पादन यहां से
  • प्रशिक्षण के मॉड्यूल को बदला गया
  • लोगों में जिंदा मछली खाने की रुचि पैदा की गयी
  • सूखी नदियों में मछली उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया
  • 19 जिला मत्स्य पदाधिकारी और 54 सुपरवाइजर की नियुक्ति की गयी
  • किसानों को बीमा सुविधा और मछुआरा आवास दिया गया
  • मछलियों में होनेवाली बीमारियों पर स्थानीय स्तर पर निपटारे के लिए स्वैच्छित फिश इंस्ट्रक्टर बनाये गये
आठ जिलों में नहीं होता था मछली उत्पादन
राज्य गठन के समय आठ जिलों में एक भी मछली का उत्पादन नहीं होता था. इन जिलों में उत्पादन का काम शून्य से शुरू किया गया है. 2001-02 में सिमडेगा, लातेहार, सरायकेला, पाकुड़, जामताड़ा, कोडरमा जिले में एक भी मछली का उत्पादन नहीं होता था. खूंटी में 2010-11 से मछली का उत्पादन शुरू हुआ. वहीं पाकुड़ में 2006-07 से मछली का उत्पादन शुरू हुआ. लातेहार, सरायकेला, जामताड़ा, कोडरमा में 2006-07 से मछली का उत्पादन विभागीय स्तर पर शुरू किया गया. आज राज्य के सभी 24 जिले में मछली का उत्पादन हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें