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चारा घोटाले का 34 किलो सोना अगले सप्ताह तक राज्य सरकार को मिलेगा

रांची: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश के आदेश के आलोक में चारा घोटाले का 34.466 किलोग्राम सोना अगले सप्ताह तक राज्य सरकार को मिल जायेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सोना देने पर सहमति दिये जाने के बाद विकास आयुक्त ने सोना लाने के लिए वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अविनाश कुमार को अधिकृत किया है. […]

रांची: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश के आदेश के आलोक में चारा घोटाले का 34.466 किलोग्राम सोना अगले सप्ताह तक राज्य सरकार को मिल जायेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सोना देने पर सहमति दिये जाने के बाद विकास आयुक्त ने सोना लाने के लिए वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अविनाश कुमार को अधिकृत किया है.
राज्य सरकार को चारा घोटाले के मुजरिमों से जब्त कुल दो क्विंटल से अधिक सोना मिलना है. इसमें से 109 किलोग्राम सोना घोटाले के किंग पिन कृष्ण मोहन प्रसाद ने आरबीआइ में जमा किया है. राज्य सरकार ने आरबीआइ से यह अनुरोध किया है कि वह सोना के बदले उसके बराबर मूल्य का गोल्ड बांड दे.
फैसले के खिलाफ मुजरिमों ने किये थे अलग-अलग दावे : सीबीआइ के तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पीके सिंह ने चारा घोटाले के इस सबसे बड़े मामले आरसी 20ए/96 में फैसला सुनाते हुए यह कहा था कि मुजरिमों द्वारा रिजर्व बैंक में रखा गया सोना घोटाले के पैसों से खरीदा गया है. इसलिए इसे राज्य के सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाना चाहिए. इस फैसले के बाद मुजरिमों ने अलग-अलग दावे किये और सोना को अपनी पैतृक संपत्ति बताने की कोशिश की. मुजरिमों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने सुशील कुमार, वशिष्ठ नारायण, शकुंतला देवी, नीलम सिन्हा, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुशील कुमार, सुनील सिन्हा, रवि नंदन कुमार सिन्हा और संजय कुमार के नाम आरबीआइ में रखे गये सोने को राज्य सरकार को सौंपने का आदेश दिया.
वशिष्ठ नारायण ने नाबालिग संजय के नाम पर खरीदा था सोना : आरबीआइ ने सरकार को यह भी सूचित किया कि वशिष्ठ नारायण ने संजय कुमार के नाम सोना उस वक्त खरीदा था, जब वह नाबालिग था. संजय ने बालिग होने के बाद वर्ष 2001 में अपने नाम जमा सोने को विमुक्त करने की मांग की. उसके नाम जमा सोने पर पाबंदी नहीं होने की वजह से उसे विमुक्त कर दिया गया. सरकार को इसकी सूचना देने का बाद आरबीआइ की ओर से सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में इससे संबंधित एक आवेदन भी दिया गया और उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया गया. इसके बाद न्यायालय ने आरबीआइ को सोना सरकार को सौंपने का आदेश दिया. इस आदेश के बाद आरबीआइ ने राज्य सरकार को पत्र भेज कर यह अनुरोध किया कि वह सोना ले जाये.
राज्य सरकार ने आरबीआइ को दी न्यायालय के आदेश की जानकारी
राज्य सरकार द्वारा न्यायालय के इस आदेश की जानकारी आरबीआइ को दी गयी. इसके बाद आरबीआइ ने सरकार को यह सूचित किया कि सीबीआइ द्वार दर्ज सोने की मात्रा और आरबीआइ में दर्ज ब्योरे में थोड़ा अंतर है. सीबीआइ के रिकार्ड में सोने की मात्रा दर्ज करने के लिए आरबीआइ द्वारा जारी प्रोविजनल रसीद को आधार बनाया गया है. जबकि सोने की शुद्धता की जांच के बाद आरबीआइ के मूल दस्तावेज में इसकी मात्रा दर्ज की गयी है.
आरबीआइ से लाये जानेवाले सोने की मात्रा(किलोग्राम में)
वजन अभियुक्त का नाम
3.572 सुशील कुमार
3.380 बशिष्ठ नारायण सिन्हा
5.137 शकुंतला देवी
6.799 नीलम सिन्हा
5.037 त्रिपुरारी मोहन प्रसाद
4.915 सुशील कुमार
5.126 सुनील कुमार सिन्हा
0.500 रवि नंदन कुमार सिन्हा

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