राज्य के दो जिले रामगढ़ और लोहरदगा खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. सितंबर तक कोडरमा को भी खुले में शौच से मुक्त कर दिया जायेगा. आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि 2018 तक पूरा झारखंड खुले में शौच से मुक्त हो जायेगा. सूचना भवन में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर श्री सिंह ने कहा : वित्तीय वर्ष 2017-18 में 13.4 लाख व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण करते हुए 10 जिलों को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
अब तक 46 प्रखंड, 903 पंचायत और 7669 राजस्व ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है. इसी साल दो अक्तूबर तक राज्य के 75 प्रखंडों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक 14.86 लाख व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है.
79.84 का जियो टैगिंग किया जा चुका है. लाभुकों द्वारा शौचालय का निर्माण करने के बाद सीधे लाभुक के खाते में प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा रहा है. दिव्यांगों की सुविधा के लिए उनके परिवारों को 5000 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है. इसके अलावा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से भी सीएसआर के तहत सहायता ली जा रही है. अब तक टाटा स्टील, सीसीएल, डीवीसी जैसी कंपनियों के सहयोग से हजारों शौचालय बनाये जा चुके हैं.