रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मानवता एक बार फिर शर्मसार हो गयी. पिता के पास 50 रुपये कम होने के कारण एक साल के मासूम श्याम का सीटी स्कैन नहीं हो पाया. इस कारण उसका समय पर इलाज शुरू नहीं हो सका. बेबस पिता संतोष कुमार अपने बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टर और जांच घर के चक्कर लगाता रहा. पर वह अपने मासूम बच्चे को नहीं बचा पाया. आखिरकार उचित इलाज के अभाव में श्याम की मौत हो गयी. घटना रविवार की है.
मौसीबाड़ी का रहनेवाला है पिता : श्याम के पिता संतोष कुमार जगन्नाथपुर के मौसीबाड़ी का रहनेवाला है. रिक्शा चला कर किसी तरह अपने परिवार को जीवन चलाता है. बताया जाता है कि संतोष का एक साल का बेटा श्याम खेलने के दौरान घर की छत से गिरा गया था. उसके सिर में भी चोट आयी थी. परिजन पहले पास में ही किसी डॉक्टर के पास ले गये. पर ठीक नहीं होने के कारण रविवार को उसे लेकर रिम्स पहुंचे. श्याम को रिम्स के शिशु इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाया गया. डाॅक्टर ने श्याम का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. इसके बाद आनन-फानन में परिजन सीटी स्कैन की परची कटाने के लिए कैश काउंटर पर पहुंचे. पर 50 रुपये कम होने के कारण उसकी जांच नहीं हो पायी.
रिम्स में लापरवाही के मामले
शनिवार को भी शिशु विभाग की स्पेशल न्यू केयर यूनिट में सोनाहातू की दो महिला मासूम बच्चों को डाॅक्टर से दिखाने के लिए घंटों सीढ़ी पर इंतजार करती रही, लेकिन डाॅक्टर साहब नहीं देखे़ अंत में दोनों महिला लौट गयी थी़
…और इन मासूमों की भी किसीने नहीं ली खबर
18 अगस्त को गुमला में सदर अस्पताल में भरती साल भर के बिफैया की मां के गोद में ही मौत हो गयी. उसे रिम्स रेफर किया गया था. पर रांची लाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे़ वह बच्चे को लेकर पैदल ही घर जा रही थी.
06 अगस्त को गुमला सदर अस्पताल में दवा नहीं मिलने से ममरला गांव निवासी करण सिंह के आठ साल के बेटे की मलेरिया, टाइफाइड से मौत हो गयी. एंबुलेंस नहीं मिली, तो शव को कंधे पर लाद कर घर ले गया.
पैसे कम हाेने के कारण सीटी स्कैन नहीं हुआ हो, ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं है़ बच्चे की मौत सिर्फ सीटी स्कैन नहीं होने के कारण नहीं हुई होगी़ अन्य कारण भी हो सकता है़ सोमवार को मामले की जानकारी लूंगा़ लापरवाही सामने आयी, तो जिम्मेदार डॉक्टर या कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जायेगी़
– डाॅ एसके चौधरी, अधीक्षक, रिम्स