रांची: राज्य के लोगों को इन दिनों दोहरी मुश्किल झेलनी पड़ रही है. सरकार ने ज्यादातर सेवाओं की ऑफलाइन व्यवस्था बंद कर दी है. ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की गयी है. विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनवाने और टैक्स आदि का भुगतान करने के लिए अब लोगों को ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पर मौजूदा समय में ऑनलाइन सेवाएं ठीक से काम नहीं कर रही हैं. लोग आय, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र भी नहीं बनवा पा रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को हो रही है. होल्डिंग टैक्स, लगान और बिजली बिल भी जमा नहीं हो पा रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं. जमीन का म्यूटेशन और रजिस्ट्री में भी परेशानी आ रही है. अॉनलाइन प्री रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही जमीन-फ्लैट का निबंधन भी बंद हो गया है. लंबे इंतजार गिने-चुने लोगों का ही काम हो पा रहा है.
रजिस्ट्री
निबंधन विभाग ने प्री रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. डीड, म्यूटेशन स्लिप, रसीद, खतियान, क्रेता-विक्रेता और गवाह के आधार कार्ड की कॉपी सहित अन्य दस्तावेज अपलोड करने हाेते हैं. इसके बाद सब रजिस्ट्रार की ओर से तय तिथि को क्रेता-विक्रेता व गवाह जायेंगे, तब रजिस्ट्री होगी. पर समस्या यह है कि प्री रजिस्ट्रेशन के दौरान कागजात अपलोड नहीं हो पा रहे हैं. रजिस्ट्री की अगली तिथि भी नहीं मिल पा रही है.
म्यूटेशन
जमीन के म्यूटेशन की व्यवस्था भी गड़बड़ा गयी है. महीनों पहले दिये गये आवेदन पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है. लोगों को सीअो के पास दौड़ना पड़ रहा है. यही हाल रसीद का भी है. अॉनलाइन लगान जमा करने का अॉप्शन ही नहीं आ रहा है. सीअो अॉफिस में कहा जा रहा है कि खतियान अपडेट नहीं हुआ है, इस कारण दिक्कत आ रही है. लगान जमा करने की स्थिति भी बेहतर नहीं है. लोग जमीन का ब्योरा अॉनलाइन कराने के लिए दौड़ रहे हैं.
विद्युत सेवा
विद्युत सेवाओं की ऑनलाइन व्यवस्था भी फेल है. बिजली वितरण निगम ने बिल जमा करने, कनेक्शन देने व काटने और लोड बढ़ाने या कम करने जैसी सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था कर रखी थी. लेकिन निगम की एक भी ऑनलाइन व्यवस्था ठीक नहीं है. ऑनलाइन बिल जमा करने पर सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करता है. कभी ऑनलाइन बिल जमा हो भी गया, तो अगले महीने आनेवाले बिजली के बिल में उसे बकाया ही बताया जाता है.
पेंडिंग नक्शे
रांची नगर निगम में वर्ष 2016 से नक्शा ऑनलाइन स्वीकृत हो रहा है. परंतु ऑनलाइन की इस प्रक्रिया में निगम के अधिकारी से लेकर आर्किटेक्ट तक उलझ कर रह गये हैं. नक्शे के साॅफ्टवेयर में सही से बिल्डिंग बायलॉज को नहीं डाले जाने के कारण कई नक्शे रिजेक्ट हो जा रहे हैं. इसके अलावा अगर किसी जमीन का नक्शा आड़ा-तिरछा है, तो साॅफ्टवेयर उसे पढ़ नहीं पा रहा है. साथ ही आड़े-तिरछे मकानों के नक्शे की स्वीकृति भी साॅफ्टवेयर से नहीं मिल रही है.
प्रमाण पत्रों का हाल
जाति-आवासीय प्रमाण पत्र बनाने में भी परेशानी हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी सॉफ्टवेयर से हो रही है. हर दिन लिंक फेल रहता है. रोज नयी परेशानियां हो रही हैं. कुछ दिन से किसी का आवेदन लौटाया जाता है, तो उसमें अटैचमेंट नहीं दिखता है. ऐसे में उस आवेदन के साथ कौन सा दस्तावेज नहीं दिया गया है, यह पता नहीं चल पा रहा है. अगर कोई आवेदन लौटाया जाता है, तो उसे सबसे ऊपर दिखना चाहिए. झारसेवा काे भी जोड़ा गया है, लेकिन, यह काफी धीमा है.