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सदर अस्पताल: महिला विंग का ऑपरेशन थियेटर निजी अस्पतालों से भी बेहतर, मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधा

रांची : सरकारी अस्पताल अक्सर आलोचनाओं के शिकार होते हैं. कभी सुविधाओं को लेकर, तो कभी सेवाओं को लेकर. हालांकि राजधानी रांची का सदर अस्पताल (हाल ही में दो नये विंग मातृ एवं शिशु रोग विंग शुरू हुए) इस भ्रांति को तोड़ रहा है. अस्पताल में भरती महिलाओं व बच्चों को तो बेहतर सुविधाएं मिल […]

रांची : सरकारी अस्पताल अक्सर आलोचनाओं के शिकार होते हैं. कभी सुविधाओं को लेकर, तो कभी सेवाओं को लेकर. हालांकि राजधानी रांची का सदर अस्पताल (हाल ही में दो नये विंग मातृ एवं शिशु रोग विंग शुरू हुए) इस भ्रांति को तोड़ रहा है. अस्पताल में भरती महिलाओं व बच्चों को तो बेहतर सुविधाएं मिल ही रही हैं. वहीं यहां की ओपीडी सेवा सरकारी अस्पतालों के लिए मिसाल है. ओपीडी शाम छह बजे तक खुला रहता है. मातृ विभाग में अभी तक 110 महिलाओं का सफल सिजेरियन हो चुका है. महिला विंग का ऑपरेशन थियेटर निजी अस्पतालों से भी बेहतर है.
सदर अस्पताल में स्त्री व शिशु रोग से संबंधित मरीजों को शाम छह बजे तक चिकित्सीय परामर्श मिल रहा है. दोपहर तीन से लेकर शाम छह बजे तक ओपीडी के लिए डॉक्टरों का रोस्टर तैयार है. राज्य के अन्य सरकार अस्पतालों में शाम पांच बजे तक ही आेपीडी खुला रहता है.

ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सेवाएं भी यहां मिलती हैं. अस्पताल में प्रवेश करते ही मरीजों को निजी अस्पताल जैसा एहसास होता है. प्रवेश द्वार पर कंप्यूटराइज्ड पंजीयन काउंटर है. यहां कंप्यूटर से ओपडी परची बनायी जाती है. यहां ओपीडी, वार्ड, ऑपरेशन थियेटर लेकर अन्य सभी सुविधाएं शहर के निजी अस्पताल को टक्कर देने वाली है.
निमोनिया पीड़ित 10 दिन के बच्चे को किया ठीक : सदर अस्पताल में डिलिवरी के बाद एक बच्चे (उम्र 10 दिन) को निमोनिया हो गया था. अस्पताल के ही शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विनाेद कुमार ने इलाज कर बच्चे को ठीक किया. विशेषज्ञ बताते हैं कि उस बच्चे का इलाज किसी निजी अस्पताल में कराने पर 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आता.
स्त्री विभाग में डॉक्टरों की टीम
डॉ रश्मि सिंह, डॉ तनुश्री, डॉ रश्मि प्रसाद, डाॅ उमा सिन्हा, डॉ विभा, डॉ किरण चंदेल, डॉ गीता, डॉ श्वेता लाल, डॉ वंदिता, डॉ शबनम, डॉ स्वाति चैतन्या, डॉ रानी सिंह व डॉ रत्ना.
शिशु विभाग में डॉक्टरों की टीम : डाॅ विनोद कुमार, डॉ नरेश भगत व डॉ कैलाश
एनेस्थिसिया में डॉक्टरों की टीम : डॉ पंकज सिन्हा, डॉ एसके श्रीवास्तव, डॉ स्टीफेन खेस एवं डाॅ विकास बल्लभ.
अस्पताल में आये मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है. प्रारंभिक स्तर पर थोड़ी दिक्कत तो है, लेकिन समस्या का तत्काल निदान किया जा रहा है. मैन पावर की कमी के कारण परेशानी हो रही है. सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है.
डाॅ विजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष, सदर अस्पताल

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