रांची: राज्य सरकार ने बहुप्रतिक्षित सिवरेज-ड्रेनेज प्रणाली को क्रियान्वित करने के लिए निर्वाचन आयोग से निविदा निकालने की अनुमति मांगी है. इसी आलोक में नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह किया है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर आमंत्रित करने की अनुमति दी जाये.
उन्होंने कहा है कि यह योजना राजधानी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में केंद्र से मिली राशि की निकासी करने और उसी अनुरूप राज्य के हिस्से का पैसा स्वीकृत करने की अनुमति लेना जरूरी है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सहायक निदेशक एएस परमार ने झारखंड सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने झारखंड को 2013-14 में ग्रांट इन एड, ग्रांट फोर स्टेट प्लान स्कीम, ब्लॉक ग्रांट, जेएनयूआरएम और ग्रांट इन एड फोर कैपिटल क्रिएशन ऑफ एसेट्स के तहत झारखंड को 1076.04 करोड़ रुपये मिले थे, इसके लिए राज्य सरकार को बिना किसी विलंब से राशि का उपयोग करना चाहिए.
302.25 करोड़ के प्रोजेक्ट को मिली है मंजूरी
नगर विकास सचिव ने कहा है कि केंद्र प्रायोजित योजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी पुनरुद्धार योजना के तहत 1900 करोड़ से अधिक की लागत वाले सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम के पहले चरण में 302.25 करोड़ के प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है. 21 जनवरी 2014 को प्रोजेक्ट को केंद्र ने स्वीकृत किया था, जिसमें से 60.45 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी राज्य सरकार को मिल चुकी है. उल्लेखनीय है कि यह मामला हाइकोर्ट में भी चल रहा है और कोर्ट के निर्देश पर केंद्र ने राशि का भुगतान किया है.