उन्होंने कहा कि जापान में तसर सिल्क के कपड़ों की काफी मांग है. कुचाई सिल्क का नाम काफी सुना था, देखने के बाद बाद पता चला कि यह वास्तव में काफी उन्नत किस्म की सिल्क है.
कहा कि तसर सिल्क को जापान में भी इंट्रोड्यूस करेंगे. यहां के तसर प्रोडक्ट को जापान के बाजार में ले जाने का प्रयास होगा. खरसावां-कुचाई के तसर उत्पाद जापान में एक्सपोर्ट होने पर क्षेत्र में रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे. मौके पर खरसावां के अग्र परियोजना पदाधिकारी सुनील शर्मा, हस्तकरघा, रेशम विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव जे हांसदा, नयी दिल्ली के संजय भगोरिया आदि मौजूद थे.