रांची : राज्य के सरकारी हाइस्कूल के शिक्षक प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन जमा नहीं कर पा रहे हैं. राज्य सरकार ने हाइस्कूल में 668 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालय में दस वर्ष पढ़ाने […]
रांची : राज्य के सरकारी हाइस्कूल के शिक्षक प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन जमा नहीं कर पा रहे हैं. राज्य सरकार ने हाइस्कूल में 668 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालय में दस वर्ष पढ़ाने का अनुभव होना जरूरी किया गया है. विद्यालय झारखंड में संचालित होना चाहिए. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एवं महिला अभ्यर्थियों के लिए शिक्षण अनुभव सात वर्ष है.
प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 35 व अधिकतम 50 वर्ष है. कार्मिक विभाग के प्रावधान के अनुरूप अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व नि:शक्त अभ्यर्थियों को उम्रसीमा में छूट दी जायेगी.
झारखंड में वर्ष 2010 व 2015 में हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. ऐसे में राज्य गठन के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद के लिए आवेदन जमा करने के लिए दस वर्ष का शैक्षणिक अनुभव पूरा नहीं हो रहा है. राज्य गठन के पूर्व वर्ष 1994 में एकीकृत बिहार में हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. वर्ष 1994 में नियुक्त अधिकतर शिक्षकों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो गयी है. ऐसे में वे भी आवेदन नहीं जमा कर पा रहे हैं.
शिक्षक बदलाव की कर रहे मांग
हाइस्कूल के शिक्षक दस वर्ष के शैक्षणिक अनुभव में छूट देने की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा है कि राज्य गठन के बाद हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति दस वर्ष बाद हुई. राज्य के सरकारी हाइस्कूल के अधिकतर शिक्षकों के पास दस वर्ष का शैक्षणिक अनुभव नहीं है. इस कारण वे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने इसमें छूट देने की मांग की है. वहीं अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षक जो हाइस्कूल में प्रतिनियुक्त है उन्हें आवेदन जमा करने की अनुमति देने की मांग की है.