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झारखंड : आज विधानसभा में पेश होगा धर्मांतरण बिल, जानिए कल क्या-क्या हुआ ?
विधानसभा. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने पेश किया विधेयक रांची : झारखंड चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों एवं चिकित्सा सेवा संस्थान हिंसा व संपत्ति नुकसान विधेयक-2017 शुक्रवार को विधान सभा से पारित नहीं हो सका. पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों के विरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने इसे प्रवर समिति को […]
विधानसभा. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने पेश किया विधेयक रांची : झारखंड चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों एवं चिकित्सा सेवा संस्थान हिंसा व संपत्ति नुकसान विधेयक-2017 शुक्रवार को विधान सभा से पारित नहीं हो सका. पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों के विरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने इसे प्रवर समिति को भेज दिया. प्रवर समिति 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी.
सदन में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधेयक पेश किया. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम और झामुमो विधायक रवींद्र नाथ महतो ने इसको प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव दिया. श्री आलम ने कहा कि इसमें मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का जिक्र नहीं है. इस पर भी विचार होना चाहिए. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन के कई सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे.
नर सेवा नारायण सेवा की तर्ज पर काम करते हैं डॉक्टर
भाजपा विधायक डॉ जीतू चरण राम ने कहा कि यह विधेयक मरीजों के हितों की भी रक्षा करेगा. डॉक्टर नर सेवा, नारायण सेवा की तरह काम करते हैं. इससे मरीजों और चिकित्सकों का संबंध ठीक होगा.
डॉ राधा कृष्ण किशोर ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह दुर्भावना से लाया गया बिल है. इसका नाम भी आपत्तिजनक है. एक विशेष समुदाय के लिए इस तरह का बिल क्यों अाना चाहिए? जिन मामलों का जिक्र इसमें किया गया है, वह आइपीसी के तहत कवर होते हैं.
जो हिंसा करेगा वह दंड का भागी होगा. भाजपा के बिरंची नारायण ने कहा कि बिल बहुत अच्छा है.
लेकिन, इसमें नेता शब्द रखा गया है. इसे हटाया जाना चाहिए. दवा की मूल कीमत और बाजार की कीमत में काफी अंतर होता है, इस पर भी विचार होना चाहिए. झामुमो के कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि निजी अस्पतालों को नोटिस जारी होना चाहिए, जिसमें यह प्रावधान हो कि कोई भी अस्पताल मृत शरीर को नहीं रोके.
मासस के अरूप चटर्जी ने जुर्माना और जेल दोनों प्रावधान का विरोध किया. कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी ने सरकार के प्रयास की सराहना की. सुधार के लिए प्रवर समिति में भेजने का आग्रह किया. भाजपा के अशोक कुमार ने कहा कि प्रोटेक्शन मरीजों का होना चाहिए ना कि डॉक्टरों का. मनीष जायसवाल ने कहा कि बिल में चिकित्सकों के सुरक्षा की बात है. भाजपा के रामकुमार पाहन ने कहा कि समय पर नहीं पहुंचने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन हम लोग हल्ला करेंगे, तो कार्रवाई हो जायेगी. भाजपा के ढुल्लू महतो, हरेकृष्ण सिंह और शिवशंकर उरांव ने भी भी बिल के कई प्रावधान का विरोध किया.
सरयू राय का संशोधन के साथ स्वीकार का आग्रह अस्वीकार
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने सदन से इसे संशोधन के साथ स्वीकार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी यह बिल 2014 में सदन में आया था. उस वक्त भी यह प्रवर समिति को गया था. प्रवर समिति की रिपोर्ट को इस सत्र के बिल में शामिल किया गया है. कुछ सदस्यों ने इसमें कुछ संशोधन का प्रस्ताव दिया है. सरकार इसे स्वीकार करेगी.
इसमें मरीजों के हितों के कई मामले भी हैं. इस पर राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि जिस वक्त यह प्रवर समिति को गया था, उस वक्त के कई सदस्य अब सदन में नहीं है. सदन के अंदर प्रवर समिति के प्रतिवेदन पर विचार नहीं हुआ था. इस कारण इसे फिर प्रवर समिति में जाना जरूरी है. अंत में अध्यक्ष ने कहा कि 2014 में प्रवर समिति को यह बिल गया था. इसके बाद विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया था. इस कारण उस वक्त के प्रवर समिति के रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है. कुछ सदस्यों ने कई आपत्तियां की है. इस कारण बिल को प्रवर समिति में भेजा जाता है. समिति 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी.
बोकारो में हुई आइटीआइ की परीक्षा रद्द होगी
रांची : शुक्रवार को सदन में बोकारो जिला में हुई आइटीआइ परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला उठा़ सत्ता पक्ष के विरंची नारायण ने सदन को बताया कि पिछले दिनों आइटीआइ की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए है़ं एक रैकेट दिल्ली से काम कर रहा है़ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है़ मंत्री राज पलिवार ने सदन को बताया कि पिछले दिनों हुई परीक्षा रद्द कर दी गयी है़ इसपर झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो का कहना था कि गुरुवार को भी परीक्षा हुई थी़
उसके प्रश्न पत्र भी बाहर थे़ मंत्री ने कहा कि इस परीक्षा को भी रद्द किया जायेगा़ बोकारो डीसी से बात हुई है़ विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सभी ब्लॉक में आइटीआइ खोलने की बात थी़ मंत्री ने कहा कि 2019 तक सभी ब्लॉक में आइटीआइ खोल दिये जायेंगे. झामुमो विधायक जोबा मांझी ने सवाल किया कि उनके क्षेत्र में एक आइटीआइ कॉलेज बन कर तैयार है़ खिड़की, पंखा लोग ले जा रहे है़ं यहां पढ़ाई शुरू नही हुई़ मंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में सत्र शुरू हो जायेगा़
अस्पतालों को चिकित्सा सेवा का रेट चार्ट लगाना होगा
रांची : झारखंड सरकार द्वारा बनाये गये मेडिकल प्रोटेक्शन बिल में यह प्रावधान किया गया है कि अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा सेवा को उनके रेट के साथ प्रदर्शित करना होगा. मरीजों द्वारा उनके इलाज एवं बीमारी संबंधित कोई भी जानकारी मांगने पर उनको लिखित तौर पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाये गये हाइलाइट्स में लिखा गया है कि बिल के अनुसार अब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद पैसे के अभाव में अस्पतालों द्वारा उनके शव को नहीं रोका जायेगा. ये रोका जाना दंडनीय अपराध होगा.
इमरजेंसी में आये हुए मरीजों का सरकारी/गैर सरकारी अस्पतालों/नर्सिंग होम द्वारा नहीं रोका जायेगा. बिल में यह भी लिखा गया है कि ऐसा ग्रामीण क्षेत्रों में अकसर देखा गया है कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा थोड़ा भी गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सुरक्षा के अभाव में रेफर कर दिया जाता है. जिससे मरीजों को अनावश्यक रूप से परेशानी उठानी पड़ती है, इस बिल में इसके रोकथाम की गयी है. बिल में लिखा गया है कि आये दिन ऐसा देखा जाता है कि अस्पतालों में तोड़-फोड़ एवं मारपीट की वारदाता होती रहती है, जिससे वहां भरती अन्य मरीजों का इलाज बाधित हो जाता है. अस्पतालों में तोड़-फोड़ एवं मारपीट किये जाने पर दंड का प्रावधान किया गया है.
मेडिकल प्रोटेक्शन बिल की खास बातें
किसी की मौत के बाद पैसे के अभाव में अस्पतालों द्वारा शव रोकना दंडनीय अपराध होगा
अस्पतालों में तोड़-फोड़ एवं मारपीट करने पर दोषियों के लिए किया गया दंड का प्रावधान
अंगिका को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले
रांची : सरकार अंगीका भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देना चाहती है़ सत्ता पक्ष के अमित कुमार ने तारांकित के सवाल के तहत यह मामला उठाया.
कहा कि राज्य के 15 जिलों में अंगिका भाषा बोली जाती है़ यह अति प्रचीन भाषा है, इसे द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया जाये़ प्रभारी मंत्री सरयू राय का कहना था कि भाषाई जनगणना के आधार पर द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया जाता है़ सरकार अंगिका का दूसरी राजभाषा का दर्जा देना चाहती है़
हरिजन शब्द हटाये जाने का निर्देश विधानसभा में एक सवाल में हरिजन शब्द टाइप किया गया था़ मंत्री अमर बाउरी ने इस संबंध में अासन का ध्यान दिलाया़ स्पीकर ने शब्द हटाने का आदेश दिया.
आज विधानसभा में पेश होगा धर्मांतरण बिल
रांची. झारखंड विधानसभा में शनिवार को धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 पेश किया जायेगा. राज्य सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है. वहीं विपक्ष भी इस बिल के विरोध की तैयारी कर चुका है. सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल भी पेश किया जायेगा. शनिवार को ही महालेखाकार की अॉडिट रिपोर्ट भी पेश की जायेगी.
मानकवाले लिफ्ट लगाने पड़ेंगे
रांची : सदन में शुक्रवार को तीन विधेयक पारित कराये गये. प्रभारी मंत्री सरयू राय ने लिफ्ट और एक्सक्लेटर विधेयक-2017 पेश किया. इसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया. श्री राय ने कहा कि इसके बाद बिल्डर मानकवाले लिफ्ट का प्रयोग कर सकेंगे. मानक का लिफ्ट नहीं होने से दुर्घटनाएं होती हैं. कई लिफ्ट नहीं चलती हैं. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने यह जानना चाहा कि जो लिफ्ट लग चुके हैं, उसका क्या होगा? श्री राय ने स्पष्ट किया कि लगे हुए लिफ्ट का भी मानकीकरण करना होगा.
सरकारी राशि का भुगतान आधार से
राज्य सरकार ने सरकारी राशि का भुगतान अाधार से लिंक कर करने संबंधी बिल सदन में सर्वसम्मति से पारित करा लिया. प्रभारी मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने झारखंड आधार रक्षित वित्तीय एवं अन्य सहायिकी लाभ सेवा प्रदाय विधेयक-2017 पेश किया. इसमें यह भी प्रावधान है कि जिनके पास आधार नहीं है, वह दूसरे पहचान पत्र पर भी स्कीम का लाभ ले सकेंगे.
अब 100 घंटे ले सकते हैं ओवर टाइम
राज्य के श्रम मंत्री राज पालिवार ने कारखाना झारखंड संशोधन विधेयक-17 सदन ने सर्वसम्मत से पारित करा लिया. सदन में श्री पालिवार ने जानकारी दी कि अब कामगार तीन माह में 100 घंटे तक ओवर टाइम ले सकते हैं. पहले 50 घंटे तक ही ओवर टाइम लेने का प्रावधान था. इससे उद्यम को बढ़ावा मिलेगा. मजदूरों को भी फायदा होगा.
धर्मांतरण बिल के खिलाफ झामुमो विधायकों का प्रदर्शन
रांची. धर्मांतरण बिल, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय नीति के खिलाफ झामुमो विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा प्रवेश द्वारा के समक्ष प्रदर्शन किया. विधायक हाथों में तख्ती लेकर नारा लगा रहे थे. विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि धर्मांतरण बिल नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन है.
देश में नागरिकों को स्वेच्छा से किसी भी धर्म व पद्धति अपनाने की छूट है. ऐसे में किसी को जब धर्म बदलना होगा, तो उसे उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी. यह तो आदिवासियों को बांटने की सजा है.
डॉ हांसदा सौवेंद्र की पुस्तक प्रतिबंधित, किये गये निलंबित
रांची : पाकुड़ में चिकित्सक के पद पर कार्य कर रहे डॉ हांसदा सौवेंद्र शेखर की पुस्तक ‘दी आदिवासी विल नॉट डांस’ पर प्रतिबंध लग गया है.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किताब की सभी प्रतियां जब्त करने का आदेश दिया है. लेखक डॉ हांसदा जाे कि अभी पाकुड़ जेल में बतौर चिकित्सक पदस्थापित है उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इस पुस्तक में संताली महिलाओं के प्रति अभद्र और अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया है. अंग्रेजी के अलावा हिंदी, मराठी और तमिल भाषा में एक साथ पुस्तक प्रकाशित हुई है. इस पुस्तक की एक कहानी प्रवास का महीना नवंबर में संताली महिलाओं की अस्मिता और गरिमा का ख्याल नहीं रखा गया है. पॉर्न पुस्तकों की तरह भाषा का प्रयोग हुआ है.
पूरे संताल में इसको लेकर अाक्रोश है. विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायक सीता सोरेन और सत्ता पक्ष के लक्ष्मण टूडु ने यह मामला उठाया. इस पर सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने सदन को आश्वस्त किया कि डॉ हांसदा की पुस्तक प्रतिबंधित होगी. पाकुड़ के उपायुक्त को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
पुस्तक से राज्य को अपमानित करने का काम हुआ है. इसके लिए सभी कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी. पुस्तक जिनके पास मिलेगी, उस पर कार्रवाई होगी. घर में रखने वालों पर भी कार्रवाई होगी. लेखक, मुद्रक और प्रकाशक पर भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी.
जनाक्रोश के बारे में कई दिनों से अखबार कर रहा था आगाह
रांची : इस पुस्तक से संबंधित खबरें लगातार मीडिया में आ रही थीं. पुस्तक को लेकर संताल परगना में महिलाएं सड़क पर उतरीं. प्रभात खबर भी लगातार यह खबर छापता रहा. पुस्तक को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से मिलने वाली टिप्पणी भी छापी. लेखक से संपर्क कर उनकी राय जाननी चाही. अखबार ने इस पुस्तक की अश्लीलता और अभद्रता को लेकर मामला सामने रखा.
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