उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने सीएनटी- एसपीटी बिल विभिन्न संगठनों की आपत्ति के बाद सरकार को वापस कर दिया था. इस बिल को वापस करने का कोई संदेश विधानसभा को नहीं प्राप्त हुआ है.
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सदन को नहीं मिली बिल वापस होने की जानकारी
रांची: विधानसभा के मॉनसून सत्र में पहले दिन सदन को सीएनटी- एसपीटी विधेयक राज्यपाल द्वारा वापस किये जाने की सूचना नहीं मिली. विधानसभा की कार्य सूची में इस बात की जानकारी नहीं थी कि राज्यपाल ने सीएनटी- एसपीटी बिल वापस कर दिया है. कार्यसूची में राज्यपाल द्वारा अनुमोदित बिल की जानकारी जरूर दी गयी, लेकिन […]
रांची: विधानसभा के मॉनसून सत्र में पहले दिन सदन को सीएनटी- एसपीटी विधेयक राज्यपाल द्वारा वापस किये जाने की सूचना नहीं मिली. विधानसभा की कार्य सूची में इस बात की जानकारी नहीं थी कि राज्यपाल ने सीएनटी- एसपीटी बिल वापस कर दिया है. कार्यसूची में राज्यपाल द्वारा अनुमोदित बिल की जानकारी जरूर दी गयी, लेकिन इसमें सीएनटी- एसपीटी बिल वापस करने का जिक्र नहीं था.
क्या कहता है नियम
विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 98 के अनुसार राज्यपाल द्वारा लौटायी गयी विधेयक की जानकारी विधानसभा को होनी चाहिए. राज्यपाल का संदेश मिलने के बाद सदन के पटल पर इसे रखा जाता है. विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 99 और 100 के अनुसार सरकार सहमत होती है या संसोधन के बाद विधेयक दोबारा राज्यपाल के पास भेजती है. वर्तमान परिस्थिति में राज्यपाल द्वारा विधेयक लौटाये जाने का मामला सरकार और राज्यपाल के बीच है. सरकार इस दिशा में कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन इसकी विधिवत जानकारी विधानसभा को नहीं है.
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