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झारखंड में फिर मॉनसून हुआ सक्रिय: भुरकुंडा में बाढ़, रांची के ग्रामीण इलाकों में भी तबाही

झारखंड में फिर मॉनसून सक्रिय हो गया है. इससे राज्य के कई जिलों में बारिश हुई है. रांची में चार मिमी के आसपास वर्षा रिकॉर्ड किया गया है. वहीं डालटनगंज में पांच मिमी बारिश हुई है. भारी बारिश का सबसे ज्यादा असर रामगढ़ जिले पर पड़ा है. यहां पतरातू, रजरप्पा, उरीमारी, भुरकुंडा में बाढ़ की […]

झारखंड में फिर मॉनसून सक्रिय हो गया है. इससे राज्य के कई जिलों में बारिश हुई है. रांची में चार मिमी के आसपास वर्षा रिकॉर्ड किया गया है. वहीं डालटनगंज में पांच मिमी बारिश हुई है. भारी बारिश का सबसे ज्यादा असर रामगढ़ जिले पर पड़ा है. यहां पतरातू, रजरप्पा, उरीमारी, भुरकुंडा में बाढ़ की स्थिति है. रांची जिले के ग्रामीण इलाकों और खूंटी के कई इलाकों में भी भारी बारिश से तबाही हुई है. मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में अपर एयर सरकुलेशन बन गया है. इसका असर आसपास के कई राज्यों में है. विभाग ने पूर्वानुमान किया है कि अगले दो-तीन दिनों तक राज्य के कई इलाकों में मॉनसून के सक्रिय रहने की उम्मीद है. इससे कई जिलों में छह से सात सेमी तक बारिश हो सकती है. राजधानी में छह अगस्त को सात से 11 सेमी बारिश हो सकती है. सात अगस्त को कई स्थानों पर बादल छाये रहेंगे. कहीं-कहीं बारिश हो सकती है. अब तक पूरे राज्य में एक जून से छह अगस्त तक करीब 677 मिमी बारिश हो चुकी है.
रामगढ़ : रामगढ़ जिला में शनिवार की सुबह हुई भारी बारिश से भारी तबाही हुई. दामोदर नद का जलस्तर बढ़ गया. वहीं पतरातू डैम के सात फाटक खोल दिये गये. पतरातू स्टेशन व भुरकुंडा स्टेशन की पटरियों पर कई फुट पानी भर गया. इस वजह से ट्रेनों का परिचालन रोकना पड़ा. भदानी नगर के सुंदर नगर व शिव मंदिर इलाके के कई घरों में 10 फुट से लेकर आठ फुट तक पानी भर गया. अचानक पानी भरने से घर में फंसे राजू नामक व्यक्ति को रोशनदान तोड़ कर बाहर निकाला गया. पतरातू प्रखंड के सुदी गांव में खेत से बिचड़ा लाने गयी सुहानी देवी नामक महिला बह गयी. वहीं एक व्यक्ति ने पेड़ पर चढ़ कर जान बचायी. सियरबुकी नदी में अरविंद मंडल बाइक सहित बह गये. ग्रामीणों ने उन्हें बचा लिया, लेकिन उनकी बाइक पानी में बह गयी. रजरप्पा में भी भैरवी नदी का जलस्तर बढ़ गया. सैकड़ों दुकानें बह गयी. वहीं बरकाकाना में रामगढ़-पतरातू फोर लेन पर चार से पांच फुट पानी बहने से लगभग पांच घंटे तक आवागमन रुका रहा. रामगढ़ के दामोदर नद में भी जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे मवेशी पालक अपने मवेशी लेकर उपर क्षेत्र में आ गये हैं. साथ ही उरीमारी में जरजरा पुल बह जाने से गिद्दी से उरीमारी का संपर्क टूट गया है.
पतरातू में बाढ़ ने नहीं दिया संभलने का माैका
शनिवार की सुबह पतरातू क्षेत्र के लोगों के लिए आफत की सुबह बन कर आयी. सुबह लगभग पांच बजे से फिर आफत की बारिश शुरू हुई, जो लगातार छह घंटे तक चली. पीटीपीएस डैम का जलस्तर 1332 आरएल तक पहुंच गया. प्रबंधन ने डैम के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए छह फाटकों को खोल कर जल निकासी शुरू कर दी. 11 बजे के बाद से क्षेत्र में बारिश थमने के बाद डैम के तीन फाटकों को बंद कर दिया गया. फिलहाल तीन फाटकों से जल निकासी का कार्य जारी है.
रजरप्पा में 100 दुकानें बही, बलिस्थल तक पानी
रजरप्पा मंदिर स्थित भैरवी नदी में शनिवार को बाढ़ आने से मंदिर प्रक्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. देखते-देखते नदी किनारे की सभी दुकानें जलमग्न हो गयी. बाढ़ के कारण छिलका पुल के आठ-दस फीट ऊपर से पानी बह रहा है. इस पुल से आवागमन पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. एक किलोमीटर दूरी पर बने बड़ा पुल से होकर लोगों को मंदिर आना पड़ा रहा है. रजरप्पा मंदिर में एक पखवारे के दौरान दूसरी बार बाढ़ आयी. इसमें पुन: भैरवी नदी का पानी शनिवार को रजरप्पा मंदिर के बलि स्थल, नारियल बलि स्थल, न्यास समिति के कार्यालय में घुस गया. इसमें मामूली क्षति हुई है.

भुरकुंडा में तबाही खदानों का काम बंद
बारिश के कारण भुरकुंडा व बलकुदरा खुली खदान पानी भर जाने के कारण कोयला उत्पादन ठप पड़ गया. बलकुदरा से डीवीसी पावर हाउस के बीच पुलिया बह जाने से कोयला ट्रांसपोर्टिंग ठप पड़ गयी. भुरकुंडा से फोरलेन को जोड़ने वाला मतकमा चौक मार्ग जलमग्न हो गया. इसके कारण भुरकुंडा से दर्जनों ग्रामीण इलाकों का संपर्क कट गया. सीएचपी साइडिंग से भुरकुंडा रेलवे स्टेशन तक बिछी रेल पटरी के नीचे की मिट्टी बह गयी. भुरकुंडा-चैनगड़ा मार्ग पर कनकनी पुल के से पानी बहने से इस रास्ते पर यातायात ठप रहा.
गुमला में कोंजाली डैम बहा, फसल बरबाद
पालकोट (गुमला). पालकोट प्रखंड में 60 लाख रुपये की लागत से बना कोंजाली डैम शुक्रवार की रात हुई तेज बारिश में बह गया. डैम के टूटने से कोंजाली, पेटसेरा, रेंगोला, तिलैडीह, सातखाड़ी, जेना गांव के किसानों के खेत में लगी फसल बरबाद हो गयी. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. बलराम उरांव, मंगी उरांव सहित अन्य किसानों ने कहा कि खेत में धान का बीड़ा लगा था. पानी में सब बह गया.
उरीमारी में कई पुलिया और सड़कें बही
सीसीएल के रिकॉर्ड के अनुसार उरीमारी में मात्र पांच घंटे में 190 एमएम बारिश हो गयी. यह पिछले पांच दशक में हुई सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है. बारिश में कई पुल-पुलिया बह गये. सैकड़ों हेक्टेयर खेत में लगे धान के पौधे बह गये.

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