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हरिद्वार चले जायेंगे, खेती-बाड़ी कर लेंगे पर भाजपा में नहीं जायेंगे : बाबूलाल मरांडी

बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद राजनीति करवट ले रही है़ हाल के दिनों में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से नीतीश कुमार की नजदीकियां रही है़ं राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा है़ चर्चा है कि बाबूलाल को भी भाजपा अपने खेमे में कर सकती है़ बदले हुए राजनीतिक हालात […]

बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद राजनीति करवट ले रही है़ हाल के दिनों में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से नीतीश कुमार की नजदीकियां रही है़ं राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा है़ चर्चा है कि बाबूलाल को भी भाजपा अपने खेमे में कर सकती है़ बदले हुए राजनीतिक हालात के बीच प्रभात खबर ने झाविमो नेता श्री मरांडी से बातचीत की़ आनेवाले चुनाव की चुनौतियां से लेकर उनके राजनीतिक स्टैंड के बारे में उनसे जानने का प्रयास किया गया. श्री मरांडी ने भाजपा मेें जाने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सारी बातें भाजपा का शगूफा है़ पेश है आनंद मोहन से बाबूलाल मरांडी की विशेष बातचीत के अंश.
Q. 2019 की चुनौतियां सामने है़ं आने वाले समय में इससे कैसे निबटेंगे
जवाब : 2019 की तैयारी में सभी दल लगे है़ं हमलोग भी तैयारी कर रहे है़ं मेरा मानना है कि हमसे कहीं ज्यादा चुनौती भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने है़ इनको खुद से लड़ना होगा़ 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने कई वादे किये़ उन घोषणाओं के बारे में जनता को जवाब देना होगा़ प्रत्येक वर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने की बात कही थी़ कितने युवकों को रोजगार मिला़ मोदी जी अपने भाषणों में कहते थे कि काला धन विदेशों से आ जायेगा, तो हर देशवासियों के खाते में 15-15 आ जायेगा़ कितना काला धन आया, किसका काला धन इन्होंने पकड़ा़ किसानों को लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा देने की बात कही थी़ इनको किसानों को जवाब देना होगा़ ऐसे कई वादे हैं,
जिस पर जनता आने वाले दिनों में इस भाजपा से जवाब मांगेगी़
Q.भाजपा नीतीश कुमार काे साथ लाने में कामयाब रही़ बिहार में भाजपा गठबंधन की सरकार बन गयी़ माहौल तो बन रहा है़
जवाब : नीतीश कुमार 2004 में एनडीए में थे़ 2009 में भी एनडीए के साथ चुनाव लड़े़ 2014 में अलग होकर चुनाव लड़े और सरकार बनायी़ लोग आते-जाते रहेंगे, कुछ नया नहीं है़ भाजपा आक्रामक है़ तोड़-फोड़ कर रही है़ इसकी भी सीमा है़ एक जामने में कांग्रेस भी यही काम करती थी़ आया राम-गया राम होता था़ कांग्रेस का क्या हश्र हुआ, देख रहे है़ं भाजपा भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है़ कांग्रेस को तो इस स्थिति में पहुंचने में 60 वर्ष लगे, भाजपा को ज्यादा दिन नहीं लगेंगे.
Q. नीतीश कुमार से आपकी नजदीकियां रही है़ं भाजपा में नीतीश के जाने के फैसले को किस रूप में लेते है़ं
जवाब : नीतीश कुमार के प्रति मेरा आदर का भाव रहा है़ उनके इस फैसले ने मुझे शॉक्ड कर दिया है़ मैं हतप्रभ हू़ं मैं मानता था कि वे पद, परिवार और पैसे की पॉलिटिक्स नहीं करते हैं, लेकिन इस्तीफा देनेे के 24 घंटे बाद ही भाजपा के साथ सरकार बना ली़ यह मेरी उम्मीद के विपरीत है़
Q. नीतीश तो भाजपा में चले गये, अब आप अकेले हो गये़ यूपीए में उनके रहते आप मजबूत थे़
जवाब: 2006 में मैंने अपनी यात्रा अकेले ही शुरू की थी़ 2009 में हम कांग्रेस के साथ लड़े. मुझे 11 व कांग्रेस को 14 सीट मिली़ जदयू तब भाजपा के साथ था़ दोनों को मिला कर 28 सीटेें मिलीं, जैसा कि मुझे याद है़ जेएमएम को 18 मिली थी. आगे भी मेरी कोशिश होगी कि संघर्ष के बल पर जनता का विश्वास जीतू़ं
Q. आपके भी भाजपा में जाने की चर्चा है़ नीतीश कुमार के जाने के बाद चर्चाओं को बल भी मिल रहा है़
जवाब : थोड़ा रुकते हैं, फिर बोलते है़ं क्या कहूं इस पर. हर बार यह बात चुनाव के समय उड़ायी जाती है़ यह विरोधियों का दुष्प्रचार है़ हम भाजपा में कैसे जायेंगे़ भाजपा ने हमें समाप्त करने लिए पूरी ताकत लगा दी़ हमारे छह विधायकों को पैसा व पद का प्रलोभन देकर साथ ले गयी. दो को मंत्री बना दिया, बाकी को बोर्ड-निगम का चेयरमैन बना दिया़ ढाई साल से मामला विधानसभा में लटका कर रखा गया है़ झारखंड में जो पार्टी ऐसे रूल कर रही है, उसके साथ कैसे जा सकते है़ं यहां जमीन छीनने के लिए गोलियां चलायी जा रही है़ं गलत स्थानीय नीति बनायी गयी है़ झारखंडी छात्रों का हक मारा जा रहा है़ सामान्य वर्ग में बाहर के छात्र आ रहे है़ं झारखंड गठन के 17 वर्ष गुजर गये़ झारखंड के बच्चे इंजीनियर व डॉक्टर कैसे बनेंगे, इसकी चिंता नहीं है़
Q. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भरोसा दिलाये व आपके एजेंडे पर भाजपा तैयार हो जाये, तब विचार करेंगे क्या.
जवाब : सारी समस्याओं का निदान हो ही जायेगा़ झारखंडी हित की नीतियां बन ही जायेंगी़ कोई समस्या ही नहीं रहेगी, तो मेरी क्या जरूरत रहेगी़ तब फिर काहे पॉलिटिक्स करेंगे़
Q. भाजपा के कई छोटे-बड़े नेताओं से आपके बेहतर संबंध रहे है़ं एक खेमा चाहता है कि आप आ जाये़ं
जवाब : भाजपा मेरी पहली पाठशाला रही है़ भाजपा सारी समस्या दूर ही कर देगी,तो फिर क्यों जायेंगे़ हरिद्वार चले जायेंगे, खेती-बाड़ी कर लेंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जायेंगे़ दिन-रात क्यों परेशान रहेंगे़.
Q. शुरुआती दौर में वैचारिक स्तर पर आप भाजपा से नजदीक भी रहे है़ं भाजपा कोई बड़ा भरोसा आपको दिलाये तब़
जवाब : यह सही है़ मेरी पहली पाठशाला भाजपा रही है़ उसी पाठशाला में मेरा राजनीतिक जन्म हुआ़ हम जब भाजपा में थे, तो नारा लगाते थे- अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर भाजपा के तीन धरोहर. अब हालात बदल गये है़ं मोदी-अमित शाह के शागिर्द अंबानी-अडाणी हो गये है़ं मैं इस युग वाली भाजपा में तो नहीं जा सकता़ ऐसी पार्टी में जाकर नौकरी नहीं करनी है़.
Q. भाजपा में जाने का सवाल छोड़ें, गठबंधन को लेकर क्या सोचते है़ं झारखंड के हित में ऐसा हो सकता है क्या़
जवाब : नहीं ऐसा नहीं हो सकता है़ दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है़
Q. बीच-बीच में भाजपा-आरएसएस के नेताओें से मिलने-जुलने की खबर आती है़ इससे चर्चाओं को बल मिलता है़
जवाब : आते-जाते मिलना होता है़ पुराने परिचित शादी-विवाह व एयरपोर्ट पर मिल जाते है़ं.
Q. यूपीए में गठबंधन को लेकर क्या सोचते है़ं क्या रणनीति है़
जवाब: विपक्ष के साथ मैं शुरू से ही मिल कर चलना चाहता हू़ं वोट का बिखराव न हो, इसी रणनीति पर काम करना है़
Q. यूपीए को एकजुट करना आसान नहीं है़ आपकी पार्टी और झामुमो के साथ आने में दिक्कत रही है़
जवाब: झारखंड के हित मेें काम करना है़ अभी यह सवाल नहीं है़ विपक्ष को साथ लाने का प्रयास रहेगा़ मैंने कभी किसी को आइसोलेट नहीं किया़.
Q. यूपीए के अंदर झामुमो अपने नेतृत्व में चुनाव चाहता है़ हेमंत सोरेन नेता के रूप में प्रोजेक्ट होंगे क्या.
जवाब : यह बाद की बात है़ नेतृत्व जनता तय करती है़ नेता तो जनता बनाती है़
Q. यूपीए के साथ बात नहीं बनी,तो अकेले लड़ेंगे क्या.
जवाब : हम जनता के लिए संघर्ष करते है़ं जनता के विश्वास पर खरा उतरते हैं, तो ठीक है़ जनता साथ रही, तो संसाधन भी वही उपलब्ध करायेगी़ उनका भरोसा जीतने का भरसक प्रयास करेंगे़ जनता ने नहीं स्वीकार किया, तो अकेले रहेंगे़ चिंता किस बात की है़ क्या लेकर आये थे, क्या लेकर जायेंगे़ मेरी कोशिश रहती है कि ईमानदार राजनीति करूं. लोगों की सेवा करू़ं

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