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टीएसी की बैठक आज, संशोधन पर होगा मंथन

रांची: सीएनटी एक्ट में संशोधन को लेकर तीन अगस्त को प्रोजेक्ट भवन सभागार में दिन के 11 बजे से ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएससी) की बैठक होगी. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. बैठक में सीएनटी की दो धाराओं में संशोधन पर मंथन किया जायेगा. इसको लेकर एजेंडा तैयार कर लिया गया है. बैठक में सीएनटी […]

रांची: सीएनटी एक्ट में संशोधन को लेकर तीन अगस्त को प्रोजेक्ट भवन सभागार में दिन के 11 बजे से ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएससी) की बैठक होगी. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. बैठक में सीएनटी की दो धाराओं में संशोधन पर मंथन किया जायेगा. इसको लेकर एजेंडा तैयार कर लिया गया है.

बैठक में सीएनटी एक्ट की धारा 49 व 71 में किये जानेवाले संशोधन प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जायेगा. सरकार ने सीएनटी की धारा 21 व एसपीटी की धारा 13 में किये गये उस संशोधन को पहले ही निरस्त कर दिया है, जिसमें कृषि भूमि की प्रकृति बदलने का प्रस्ताव था. टीएसी की पिछली बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार की भावना से सदस्यों को अवगत करा दिया था. इसके बाद सीएनटी की धारा 21 व एसपीटी की धारा 13 में किये गये संशोधन को कैबिनेट से भी निरस्त कर दिया गया. पिछली बैठक में टीएसी सदस्यों ने संशोधन प्रस्ताव के अध्ययन के लिए एक माह का समय मांगा था. कहा गया था कि राज्यपाल की ओर से संशोधन प्रस्ताव वापस किया गया है. इसमें विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की ओर से सुझाव दिया गया है. इन सुझावों पर अध्ययन करना जरूरी है. इसके बाद बैठक को तीन अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.
बैठक के एजेंडा में सीएनटी की धारा 49 व 71 में संशोधन का है प्रस्ताव
सीएनटी एक्ट की धारा 49 में संशोधन
वर्तमान प्रावधान : सीएनटी एक्ट की धारा 49 में पूर्व से प्रावधान है कि औद्योगिक परियोजना एवं खनन के लिए रैयती भूमि का हस्तांतरण किया जा सकता है.
क्या है संशोधन का प्रस्ताव : संशोधन के बाद पूर्व की शर्तों के अतिरिक्त रेखीय परियोजनाओं यथा सड़क, केनाल, रेलवे, केबुल, ट्रांसमिशन, वाटर पाइप्स के लिए रैयती भूमि का हस्तांतरण किया जा सकता है. जनोपयोगी सेवा यथा पाइपलाइंस, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, पंचायत भवन, अस्पताल, आंगनबाड़ी के लिए भी रैयती भूमि का हस्तांतरण किया जा सकता है. हस्तांतरण के बाद यदि भूमि का उपयोग परियोजना के लिए पांच वर्षों के अंदर नहीं किया जाता है, तो वह भूमि पुन: बिना कोई मुआवजा वापस किये पूर्व रैयतों को वापस हो जायेगी.
सीएनटी एक्ट की धारा 71 ए में संशोधन
वर्तमान प्रावधान : सीएनटी एक्ट की धारा 71 में पूर्व से प्रावधान है कि अनुसूचित जनजाति की भूमि के अवैध हस्तांतरण की वापसी एसएआर कोर्ट के माध्यम से की जाती है. धारा 71 (1) के द्वितीय प्रावधान के तहत अनुसूचित जनजाति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति को हस्तांतरित करने के एवज में क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है.
क्या है संशोधन का प्रावधान : संशोधन के बाद एसएआर कोर्ट के माध्यम से अनुसूचित जनजाति की अवैध हस्तांतरण भूमि की वापसी का प्रावधान रहेगा. परंतु द्वितीय व तृतीय परंतुक विलोपित कर दिया जायेगा, जिससे मुआवजा देकर भूमि को अपने पास रखने का विकल्प समाप्त हो जायेगा.
सीएनटी की दो धाराओं में किये जा रहे संशोधन का पूरा प्रस्ताव वापस होना चाहिए. वर्तमान में सीएनटी की धाराओं में संशोधन का कोई औचित्य नहीं है. बैठक में संशोधन प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की जायेगी.
सुखदेव भगत, टीएसी के सदस्य सह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

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