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झारखंड: हाल सरकारी स्कूलों का, न शिक्षक समय पर आते हैं, न ही बच्चे

स्वतंत्रता के 70 वर्ष के बाद भी राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चे जमीन पर बैठ रहे थे. पहली बार मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रयास से राज्य के सभी स्कूलों को बेंच-डेस्क दिया गया. बिजली पहुंचायी जा रही है. पिछले तीन वर्ष से बच्चों को समय पर किताबें मिल रही हैं. पोशाक के साथ-साथ बैग, […]

स्वतंत्रता के 70 वर्ष के बाद भी राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चे जमीन पर बैठ रहे थे. पहली बार मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रयास से राज्य के सभी स्कूलों को बेंच-डेस्क दिया गया. बिजली पहुंचायी जा रही है. पिछले तीन वर्ष से बच्चों को समय पर किताबें मिल रही हैं. पोशाक के साथ-साथ बैग, जूता-मोजा, कॉपी, पेंसिल, पेंसिल बॉक्स भी देने की योजना शुरू की गयी है. शिक्षकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया भी शुरू हुई है. इसके बाद भी जिला व प्रखंड स्तर का सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है. न तो शिक्षक समय पर आते हैं, और न ही बच्चे. सरकारी स्कूलों का हाल जानने के लिए प्रभात खबर की टीम मंगलवार व बुधवार को राज्य भर में 200 से अधिक स्कूलों में पहुंची. हमारे प्रतिनिधि सुबह आठ बजे ही स्कूल पहुंच गये थे. दो से तीन घंटा स्कूलों में बिताया. जानने की कोशिश की कि स्कूल में पढ़ाई समय से शुरू हो रही है या नहीं. पाया गया कि न शिक्षक समय पर आते हैं और न ही बच्चे.

रांची : राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही चल रही है. स्कूलों के संचालन का टाइम पूरी तरह फेल है. शिक्षक बिना सूचना दिये अनुपस्थित रहते हैं. बच्चे भी समय पर नहीं आते. सरकार ने इन स्कूलों के संचालन का समय सुबह आठ से दिन के दो बजे तक निर्धारित किया है. पर अधिकतर स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं आते. शिक्षकों के स्कूल आने का सिलसिला दो घंटे बाद तक यानी 10 बजे तक जारी रहता है. वहीं, बच्चे भी नौ से 10 बजे तक स्कूल आते हैं. न शिक्षकों को कोई टोकनेवाला और न ही बच्चों को कोई रोकनेवाला. बच्चे जब चाहे तक आते हैं और जाते हैं. इन स्कूलों में उपस्थिति भी काफी कम रहती है. हमारे प्रतिनिधियों ने जब शिक्षकों से देर से आने का कारण पूछा, तो उनसे से कई ने हास्यास्पद बहाने बनाये.

किसी ने कहा, गाड़ी में तेल खत्म हो गया था, तो किसी ने बताया कि थोड़ा लेट-सबेर तो हाेता ही है. राजधानी से लेकर सुदूरवर्ती गांवों तक के स्कूलों का एक ही हाल है.

हालांकि कुछ स्कूल बेहतर स्थिति में मिले. यहां समय पर शिक्षक आते हैं, बच्चों की उपस्थिति भी ठीक रहती है, पर ऐसे स्कूल अपवाद हैं.

निरीक्षण तंत्र फेल

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीआरपी-सीआरपी को स्कूलों के नियमित निरीक्षण की जिम्मेदारी दी है. सभी स्कूलों से किसी ने किसी पदाधिकारी व बीअारपी-सीआरपी को टैग किया गया है. इसके बाद भी समय से शिक्षकों का विद्यालय नहीं आना, संचालन ठीक ने नहीं होना, पूरे निरीक्षण तंत्र पर सवाल खड़ा कर रहा है.

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर डोमचांच, कोडरमा

शिक्षक मो रफीक ने सुबह 8.44 बजे ताला खोला. इस समय तक कोई भी बच्चा नहीं आया था. तीन माह से मध्याह्न भोजन बंद है. कक्षा पांच तक 36 बच्चे नामांकित हैं. इनमें से मात्र 13 बच्चे आये थे. शिक्षक से विलंब से आने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि मोटरसाइिकल में पेट्रोल खत्म हो गया था. इस कारण विलंब हो गया.

शिक्षकों के बहाने

  • मोटरसाइकिल खराब हो गयी थी
  • थोड़ा लेट-सबेर तो हाेता है
  • कागजात लाने में लेट हो गया
  • दूर से आते हैं, विलंब हो गया
  • खेती-बारी का समय है क्या करें
  • बाइक में तेल खत्म हो गया था
  • पंप चला कर खेती कर रहे थे
  • छात्रवृत्ति के लिए सीडी बना रहे थे

10 बजे तक आते हैं शिक्षक, जब मन किया पहुंचते हैं बच्चे

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय खूंटी टोला, बुढ़मू, रांची

शिक्षक जगेश्वर महतो नौ बजे के बाद विद्यालय पहुंचे. शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति पंजी आलमारी में बंद थी, पर उसकी चाबी शिक्षक के पास नहीं थी. विद्यालय में एक भी बच्चा नहीं था. स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिनों ने मध्याह्न भोजन बंद है, इसलिए बच्चे स्कूल नहीं आते. स्कूल में कक्षा पांच तक की पढ़ाई होती है.

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय टुनकी टोला, बरियातू, रांची

सुबह आठ बजे विद्यालय खुला. दो शिक्षक में से प्रभारी रश्मि कच्छप विद्यालय आयी. एक बच्चा 8.30 बजे पहुंचा. इसके बाद धीरे-धीरे नाै बजे तक नौ बच्चे विद्यालय आये. कक्षा एक से पांच तक में कुल 44 बच्चे नामांकित हैं. नौ बजे तक दूसरी शिक्षक सुनिता खलखो विद्यालय नहीं आयी. पूछने पर बच्चों ने बताया कि सुनिता मैडम प्रतिदिन लेट से ही आती हैं.

अनगड़ा : मध्य विद्यालय जोन्हा

शिक्षक समय से प्रधानाध्यापक 40 मिनट विलंब से पहुंचे स्कूल

अनगड़ा. प्रखंड के मध्य विद्यालय जोन्हा में मंगलवार को प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार 40 मिनट विलंब से 8.40 बजे विद्यालय पहुंचे. विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित आठ शिक्षक-शिक्षिका व दो पारा शिक्षक कार्यरत हैं. एक शिक्षिका मंगलवार को अवकाश पर थी. सुबह 7.50 बजे स्कूल खोल कर बच्चे साफ-सफाई में लगे हुए थे. 7.54 बजे शिक्षक शिवशंकर मुंडा व 7.56 बजे शिक्षिका अग्नेशिया पहुंचे. इसके बाद आठ से सवा आठ बजे के बीच प्रधानाध्यापक को छोड़कर अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं पहुंचे. 8.22 में सुबह की प्रार्थना के लिए बेल बजी. 8.25 में प्रार्थना शुरू हुई. इस बीच विद्यालय में छात्र-छात्राओं का आना जारी रहा. करीब 50 छात्र-छात्राएं इस दौरान पहुंचे. 8.32 में प्रार्थना खत्म हुई. इसके बाद एक छात्र ने स्कूल के प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया. विद्यालय में एक से आठवीं तक के 565 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. आज उनकी उपस्थिति कम थी. विद्यार्थियों ने बताया कि प्रधानाध्यापक प्रतिदिन नौ बजे के बाद ही विद्यालय आते हैं. प्रधानाध्यापक रातू रोड से आते हैं. वे बरवादाग के एक शिक्षक के साथ प्रतिदिन बाइक से स्कूल आते हैं. स्कूल की एक चाभी छात्रों के पास व दूसरी चाबी शिक्षक शिवशंकर मुंडा के पास रहती है. वे ही स्कूल खोलते एवं बंद करते हैं. प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने बताया कि मुझ पर वर्क लोड ज्यादा है. रात में भी घर पर मुझे स्कूल के काम निबटाने होते हैं. आते समय रास्ते में अनगड़ा में छात्रवृत्ति की सीडी बनवाने के लिए रुका था.

खूंटी : राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी

गेट खुलने का इंतजार कर रहे थे शिक्षक, मस्ती कर रहे थे बच्चे

खूंटी. प्रभात खबर की टीम बुधवार को सुबह आठ बजे राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी खूंटी पहुंची. स्कूल के सभी कमरों में ताला लगा हुआ है. अब तक एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे हैं. कई बच्चे स्कूल परिसर में खेलने में मस्त हैं.आठ बज कर 15 मिनट पर स्कूल की सरकारी शिक्षिका झुमरी कुमारी एवं पारा टीचर निरल भेंगरा पहुंचे, पर स्कूल की चाभी पारा टीचर आशा बारला के पास थी. 8:25 बजे वह पहुंचीं. उन्होंने बच्चों को स्कूल कार्यालय व कक्षाओं का ताला खोलने के लिए चाभी दी. नौ बजे तक स्कूल की प्रधानाध्यापिक मेरी संगा स्कूल में नहीं पहुंची थीं.बताया गया कि वह रांची से स्कूल आना-जाना करती हैं.एक पारा टीचर नैना भी समय से स्कूल नही पहुंची थी. झुमरी कुमारी ने बताया कि एचएम मैडम गुरु गोष्ठी कार्यक्रम में खूंटी गयी होंगी. प्रार्थना के बाद नौ बजे तक बच्चे स्कूल परिसर में मस्ती करते रहे.स्कूल में कुल 305 विद्यार्थियों का नामांकन है.

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय इट्ठे

मुरहू प्रखंड के ईट्ठे स्थित उक्त स्कूल में टीम नौ बजे पहुंची. यहां स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका पुष्पा होरो उपस्थित नहीं थी. बताया गया कि गत 29 जुलाई से वह मुरहू में आयोजित बुनियादी प्लस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गयी हैं.सरकारी शिक्षक दशरथ पुरान स्कूल में मौजूद थे. दशरथ पुरान ने बताया कि विद्यालय मेें कुल 130 बच्चों का नामांकन है, पर आज बच्चों की उपस्थिति महज 50 थी.शिक्षक दशरथ महतो ने बताया कि रोपा का काम गांवों में हो रहा है. इसलिए अधिकांश बच्चे अनुपस्थित रहते हैं.

रातू : राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिजुलिया

पांच से आठ तक के बच्चों ने अपनी हाजिरी स्वयं बनायी

रातू. रातू प्रखंड की बिजुलिया पंचायत स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बच्चों को भगवान भरोसे शिक्षा दी जा रही है. स्कूल में शिक्षक व बच्चों के आने-जाने का समय तय नहीं है. बुधवार को शिक्षक साढ़े आठ व बच्चे नौ बजे तक आते रहे. स्कूल में नामांकित 180 बच्चों में से मात्र 75 बच्चे उपस्थित थे. स्कूल में कुल छह शिक्षक पदस्थापित हैं. इनमें तीन पारा शिक्षक हैं. स्कूल के पारा शिक्षक संदीप कुमार सुमन गरमी की छुट्टी के समय से ही अवकाश पर हैं. बताया गया कि प्रधानाध्यापक अरुण नाथ शाहदेव भी छुट्टी पर हैं. वहीं शिक्षिका संगीता रानी रातू प्रखंड स्थित बीआरसी में प्रशिक्षण के लिए गयी थीं. सुबह पौने आठ बजे पारा शिक्षिका सुशीला कुमारी ने स्कूल का गेट खोला. आठ बजे पारा शिक्षिका जगनी तिग्गा पहुंचती हैं. आठ बजे तक स्कूल में मात्र 14 बच्चे थे. साढ़े आठ बजे शिक्षिका रंजीदा खातून पहुंचती हैं. नौ बजे तक स्कूल के बच्चे आते रहे. कक्षा पांच से आठ तक के बच्चों ने अपनी हाजिरी स्वयं बनायी. प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजीदा खातून ने बताया कि काम की वजह से आज आने में देरी हुई है. पारा शिक्षिका जगनी तिग्गा ने बताया कि क्षेत्र में रोपा की वजह से बच्चों की उपस्थिति कम है.

दुमका : प्राथमिक विद्यालय बेहड़ाबांक


नौ बजे आया एक बच्चा और 9.28 बजे पहुंचे शिक्षक
दुमका. मसलिया का प्राथमिक विद्यालय बेहड़ाबांक. दिन बुधवार. समय सुबह के आठ बजे. स्कूल में अब तक ताला लटका हुआ है. यहां विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है तथा विद्यालय में कुल 15 बच्चे नामांकित हैं. एक ही शिक्षक इस स्कूल में पदस्थापित हैं. विद्यालय की रसोइया चुमरी मरांडी ने आठ बजे के बाद विद्यालय का ताला खोला. अब तक स्कूल में एक भी शिक्षक व छात्र नहीं पहुंचे हैं. नौ बजे एक बच्चा झोला लिये विद्यालय के कमरा में प्रवेश करता है. थोड़ी देर बाद दूसरा बच्चा पहुंचा. जो पोशाक में नहीं था. अब तक शिक्षक सामुएल सोरेन का कोई पता नहीं है. 9.28 बजे शिक्षक मोटरसाइकिल से स्कूल पहुंचे. बरामदे पर बाइक लगायी, उस वक्त वर्ग कक्ष में दो बच्चे खेल रहे थे. शिक्षक ने बाइक खड़ी की और फिर गांव की ओर निकल गये. 9.50 बजे शिक्षक श्री सोरेन गांव की ओर से एक बच्चे को लेकर विद्यालय पहुंचे. 10 बजे तक 15 बच्चों में से कुल तीन ही उपस्थित थे. विद्यालय में अनुपस्थिति कम होने के बारे में पूछने पर शिक्षक सामुएल सोरेन ने बताया कि अभी खेती का समय है. बच्चों को अभिभावक स्कूल नहीं भेज कर खेती के काम में लगाते हैं. सुबह से ही बच्चों को लाने के लिए परेशान होना पड़ता है. बच्चे सिर्फ मध्याहन भोजन के समय पहुंचते हैं.
सिल्ली : उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजयगढ़
स्कूल का ताला खोल कमरों की सफाई में जुट गये बच्चे
सिल्ली. अजयगढ़ का उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुधवार को 8:15 बजे खुला. इस समय तक विद्यालय में केवल बच्चे हैं. कोई भी टीचर नहीं हैं. विद्यालय में छठी क्लास में पढ़नेवाला छात्र प्रेम कुमार बेदिया ने बताया कि उसने ही स्कूल का ताला खोला है. उसके पास ही विद्यालय की चाभी थी. इसके बाद सभी बच्चे विद्यालय भवन के पहले तल्ले पर कमरे की सफाई करने लगते हैं. बच्चों ने रजिस्टर निकाल कर खुद अपनी हाजिरी बनायी. अब तक विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं पहुंचा. वहीं बच्चों के आने का सिलसिला जारी है. थोड़ी ही देर में करीब 40 बच्चे आ गये. सभी बच्चे विद्यालय के कमरों की सफाई में जुट गये. आठ बज कर 20 मिनट पर पारा शिक्षक प्रदीप कुमार आये. कुछ देर बाद एक और शिक्षक पहुंचे. प्रदीप कुमार ने बताया कि विद्यालय के प्रिसिंपल आज छुट्टी पर हैं.
प्राथमिक विद्यालय पलाशडीह में मात्र 10 बच्चों पर दो शिक्षक हैं. बुधवार को पलाशडीह स्कूल में छह बच्चे मौजूद थे. प्रधानाध्यापक नीलकंठ महतो ने बताया कि विद्यालय में केवल 10 बच्चे ही नामांकित हैं. इनमें से रोज चार पांच ही आते हैं.
बुढ़मू : उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय खुटीटोला
एक भी बच्चा नहीं पहुंचा स्कूल, कई दिनों से नहीं बन रहा मध्याह्न भोजन
बुढ़मू. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय खुटीटोला में 22 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में शिक्षक जगेश्वर महतो प्रतिनियोजित हैं. खुटीटोला विद्यालय में बुधवार को एक भी बच्चा नहीं था. खाना बनाने वाली भी नहीं आयी थी और प्रतिनियोजित शिक्षक जगेश्वर महतो सुबह नौ बजे के बाद विद्यालय पहुंचे. बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति पंजी अालमारी में बंद थी और शिक्षक के पास उस आलमीरा की चाभी भी नहीं थी. मौके पर मौजूद एक ग्रामीण महिला ने बताया कि पहले मध्याह्न भोजन बनता था, लेकिन कुछ दिनों से मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है और शिक्षक भी देर से आते हैं. इसलिए बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं. विद्यालय में इससे पहले पठन-पाठन का कार्य शीला देवी और संजुलता द्वारा किया जाता था. शिक्षक जगेश्वर महतो ने बताया कि शीला देवी के शैक्षणिक प्रमाणपत्र में त्रुटि पाये जाने के कारण उन्हें बरखास्त कर दिया गया और संजुलता प्रखंड के दूसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित हैं.
इटकी : प्रावि तरगड़ी
नौ बजे खुला िवद्यालय 9.35 बजे शुरू हुई पढ़ाई
इटकी. प्रखंड मुख्यालय से मात्र दो किमी दूर तरगड़ी गांव स्थित राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय प्रतिदिन प्रात: आठ बजे के बजाय नौ बजे खुलता है. छात्र सहित ग्रामीणों को भी जानकारी है कि विद्यालय नौ बजे खुलता है. बुधवार को प्रात: 8.30 बजे विद्यालय पहुंचने पर मुख्य गेट का ताला बंद मिला. एक भी छात्र विद्यालय नहीं पहुंचा था. विद्यालय के सामने रहनेवाले एक व्यक्ति ने मोबाइल फोन पर किसी के आने की सूचना दी. इसके बाद गांव में ही रहनेवाली पारा शिक्षिका मनी लंग नौ बजे विद्यालय पहुंची. 9:10 बजे विद्यालय की प्रभारी शिक्षिका सिकुंदा ग्लोरिया तिर्की पहुंची. सफाई व प्रार्थना के बाद 9:35 बजे से पढ़ाई शुरू की गयी. प्रभारी शिक्षिका ने बातचीत के क्रम में जानकारी दी कि वे कोकर के खोरहाटोली से आना-जाना करती हैं. सवारी गाड़ी की किल्लत है. चार स्थानों पर उन्हें गाड़ी बदलनी पड़ती है. उसके बाद भी दो से ढाई किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है.

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