रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि निचले स्तर पर ज्यादा भ्रष्टाचार है. दोषी लोगों पर अफसर अविलंब कार्रवाई करें. जनता को परेशान नहीं करें. उन्हें दौड़ाये नहीं. जो काम हो सकता है, उसे शीघ्र करें. कानूनन जो काम संभव नहीं है, उसे स्पष्ट करें. शिकायतों को लटका कर नहीं रखें. अधिकारी जांच के नाम […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि निचले स्तर पर ज्यादा भ्रष्टाचार है. दोषी लोगों पर अफसर अविलंब कार्रवाई करें. जनता को परेशान नहीं करें. उन्हें दौड़ाये नहीं. जो काम हो सकता है, उसे शीघ्र करें. कानूनन जो काम संभव नहीं है, उसे स्पष्ट करें. शिकायतों को लटका कर नहीं रखें. अधिकारी जांच के नाम पर खानापूर्ति नहीं करें.
मुखिया के खिलाफ दर्ज शिकायतों की हर माह मुख्यालय स्तर पर समीक्षा करें, ताकि शिकायतें लंबित नहीं रहे. श्री दास ने यह निर्देश मंगलवार को अधिकारियों को दिया. सूचना भवन में मुख्यमंत्री जनसंवाद सीधी बात कार्यक्रम में रघुवर दास ने 21 लोगों की शिकायतें सुनीं.
पलामू के छतरपुर प्रखंड के नवप्राथमिक विद्यालय, पटसारा में एक साल से मध्याह्न भोजन बंद होने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गयी. यह सुनते ही रघुवर दास नाराज हो गये. उन्होंने पलामू के डीएसइ को फटकार लगायी.
उनसे मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या करते हैं. आपको कुरसी पर रहने का अधिकार नहीं है. जनता को क्यों धोखा दे रहे हैं. आखिर एक साल से मध्याह्न भोजन बंद है, तो क्यों नहीं कार्रवाई की गयी. नौकरी हो गयी, मतलब काम खत्म. मुख्यमंत्री ने तत्काल डीएसइ को बरखास्त करने का आदेश दिया. सीएम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने छतरपुर के बीइइओ (प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी) के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने को कहा. साथ ही स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाये. इन्हें डायरी उपलब्ध करायी जाये, ताकि इनके रोजाना की गतिविधियों की जानकारी मिल पाये.
डीसी व एसपी हर सप्ताह जनता से सीधा संवाद करें
सीएम ने कहा कि डीसी व एसपी छोटे-छोटे मामले अपने स्तर से निबटायें. हर सप्ताह दो घंटे जनता से सीधा संवाद स्थापित करें, ताकि आम लोगों की सामूहिक समस्या का निदान हो सके. जनता को हर छोटे मामले के लिए जन संवाद में आना पड़ता है. उन्हें भाड़ा खर्च कर रांची आना पड़ता है. इसका ध्यान रखें. व्यक्तिगत शिकायतों को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाये. जो काम हो सकता है, उस पर अविलंब कार्रवाई करें. सीएम ने इसके लिए मुख्यालय स्तर से निर्देश जारी करने का आदेश दिया.