पिलर दबने के बावजूद पुल पर से वाहनों का आवागमन जारी है. इधर सूचना के बाद पहुंचे कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण के बाद बाद पुल को पूरी तरह सुरक्षित बताया है. उन्होंने कहा कि बारिश के बाद पिलर अपनी जगह सेट हो गया है.
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पहली बारिश में ही धंसा 13 साल में बना समीज पुल
आनंदपुर: 13 वर्षों में बन कर तैयार हुआ समीज पुल पहली ही बारिश में धंसने लगा. आनंदपुर प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़नेवाले समीज पुल के बीच का एक पिलर धंस गया है. पिलर धंसने से पुल के दोनों छोर के स्लैब में दरार आ गयी है. समीज के ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को […]
आनंदपुर: 13 वर्षों में बन कर तैयार हुआ समीज पुल पहली ही बारिश में धंसने लगा. आनंदपुर प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़नेवाले समीज पुल के बीच का एक पिलर धंस गया है. पिलर धंसने से पुल के दोनों छोर के स्लैब में दरार आ गयी है. समीज के ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को कोयल नदी के तेज बहाव के दौरान पुल में कंपन्न हो रही थी और देखते-देखते बुधवार को पिलर धंस गया.
इस तरह बनने में लग गये 13 साल : आनंदपुर प्रखंड के समीज गांव एवं विश्व कल्याण आश्रम पारलीपोस गांव के बीच कोयल नदी पर बने इस पुल का शिलान्यास 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, कैबिनेट मंत्री मधु कोड़ा, जोबा मांझी, राज्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा एवं सांसद लक्ष्मण गिलुवा द्वारा किया गया था. पुल का निर्माण केके बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड जमशेदपुर द्वारा शुरू किया गया था. विभिन्न कारणों से ठेका कंपनी द्वारा काम बंद कर दिये जाने के बाद वर्ष 2011 में जमशेदपुर के उमेश खीरवाल नामक संवेदक द्वारा पुल निर्माण किया गया. मार्च 2016 को शंकराचार्य स्वरूपानंदजी सरस्वती ने उक्त पुल का उद्घाटन किया था.
अब तक नहीं बना एप्रोच रोड: उदघाटन के डेढ़ वर्ष बाद भी अब तक पुल का एप्रोच रोड नहीं बना है. पुल के पिलर धंसने की एक वजह यह भी मानी जा रही है. एप्रोच नहीं होने के कारण बरसात में वाहनों का आवागमन कम है. बारिश के मद्देनजर मनोहरपुर से आनंदपुर होकर चाईबासा जानेवाली बस भी पुल के एप्रोच रोड नहीं होने के कारण कई दिनों से बंद है.
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