पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार हटिया डैम 48 वर्ग किलोमीटर में फैला है और यहां से शहर के 15 से अधिक वार्डों में पीने का पानी भेजा जाता है. इस साल अब तक हुई छिटपुट बारिश से इस डैम में सिर्फ 45 फीसदी ही पानी भर पाया है. फिलहाल हटिया डैम का जलस्तर 23 फीट के आसपास है, जबकि पिछले वर्ष 19 जुलाई को इसका जलस्तर 27 फीट था. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शशिरंजन के अनुसार हटिया डैम से सिर्फ आठ महीने तक के पानी का स्टॉक है, जो चिंता का विषय है.
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चिंताजनक: छिटपुट बारिश से नहीं बुझ रही राजधानी के डैमों की प्यास, रुक्का डैम में ही बचा है थोड़ा दम हटिया और गोंदा डैम में पानी कम
राजधानी में अब तक हुई कम बारिश का असर यहां के जलाशयों पर दिखने लगा है. राजधानी में तीन जलाशय हैं, जिनमें रुक्का डैम को छोड़ दें, तो अन्य दो जलाशयों हटिया डैम और गोंदा डैम का जल स्तर वर्ष 2016 की तुलना में कम ही है. इससे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की […]
राजधानी में अब तक हुई कम बारिश का असर यहां के जलाशयों पर दिखने लगा है. राजधानी में तीन जलाशय हैं, जिनमें रुक्का डैम को छोड़ दें, तो अन्य दो जलाशयों हटिया डैम और गोंदा डैम का जल स्तर वर्ष 2016 की तुलना में कम ही है. इससे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गयी है, क्योंकि पिछले तीन वर्षों से लगातार हटिया डैम से पीने के पानी की राशनिंग की जा रही है.
रांची: राजधानी में 10 लाख से अधिक शहरी आबादी पानी के लिए हटिया, गोंदा और रुक्का डैम पर निर्भर है. इन तीनों डैमों से राजधानी के सभी 55 वार्डाें में करीब 45 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पानी की आपूर्ति की जाती है. रुक्का से 30 एमजीडी, हटिया से 10 एमजीडी और गोंदा से चार एमजीडी पानी शहर के विभिन्न इलाकों को दिया जाता है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार हटिया डैम 48 वर्ग किलोमीटर में फैला है और यहां से शहर के 15 से अधिक वार्डों में पीने का पानी भेजा जाता है. इस साल अब तक हुई छिटपुट बारिश से इस डैम में सिर्फ 45 फीसदी ही पानी भर पाया है. फिलहाल हटिया डैम का जलस्तर 23 फीट के आसपास है, जबकि पिछले वर्ष 19 जुलाई को इसका जलस्तर 27 फीट था. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शशिरंजन के अनुसार हटिया डैम से सिर्फ आठ महीने तक के पानी का स्टॉक है, जो चिंता का विषय है.
गोंदा डैम की हालत भी बेहतर नहीं : गोंदा डैम की हालत भी कमोबेश हटिया डैम जैसी ही है. इस वर्ष गरमी में इस डैम का जलस्तर 14 फीट तक पहुंच गया था. अब तक हुई बारिश से डैम का जलस्तर केवल तीन फीट ऊपर आया है. जबकि, जुलाई के मध्य तक इस डैम का जलस्तर 22 फीट होना चाहिए था. विभाग के कार्यपालक अभियंता टीपी चौधरी ने बुधवार के डैम के भंडारण क्षमता का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि जिस रफ्तार से डैम में पानी का भंडारन हो रहा है, उस हिसाब से इससे चार-पांच महीने तक ही पीने के पानी की आपूर्ति की जा सकती है. इस डैम से कांके रोड, मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, बिरसा कृषि विवि, रिनपास, रातू रोड के कुछ हिस्से में पानी की आपूर्ति की जाती है.
रुक्का डैम में ही तीन फीट अधिक पानी : राजधानी के सबसे बड़े डैम रुक्का में ही इस बार पानी के भंडारण की स्थिति ठीक-ठाक दिख रही है. पिछले वर्ष की तुलना में डैम में तीन फीट अधिक पानी है. डैम से शहर के 25 से अधिक वार्डों में 30 मिलियन गैलन पानी (एमजीडी) की आपूर्ति की जाती है. जबकि डैम की क्षमता 37 एमजीडी की है. विभाग के मुताबिक डैम से डेढ़ वर्ष तक जलापूर्ति की जा सकती है.
राजधानी के तीन जलाशयों की स्थिति
जलाशय वर्तमान स्तर 2016 का स्तर
हटिया डैम 23 फीट 27 फीट
गोंदा डैम 17.1 फीट 22 फीट
रुक्का डैम 25.4 फीट 22 फीट
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