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मेन रोड : 47 ई-रिक्शों को मिला लाइसेंस, 300 से ज्यादा चल रहे

रांची: शहर की सबसे व्यस्ततम सड़कों में शुमार महात्मा गांधी मार्ग यानी मेन रोड को जाम मुक्त बनाने की रांची नगर निगम की कवायद एक बार फिर नाकाम हो गयी है. बाइक और कार की बात तो छोड़ दीजिए, मौजूदा समय में इस सड़क पर पैदल चना भी दूभर हो रहा है. इस अव्यवस्था के […]

रांची: शहर की सबसे व्यस्ततम सड़कों में शुमार महात्मा गांधी मार्ग यानी मेन रोड को जाम मुक्त बनाने की रांची नगर निगम की कवायद एक बार फिर नाकाम हो गयी है. बाइक और कार की बात तो छोड़ दीजिए, मौजूदा समय में इस सड़क पर पैदल चना भी दूभर हो रहा है. इस अव्यवस्था के लिए इस मार्ग पर अवैध रूप से चलनेवाले ई-रिक्शा चालक जिम्मेवार हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारी आैर यातयात पुलिस भी जिम्मेवार हैं, जिन पर इस सड़क को जाम मुक्त बनाये रखने का भार है.

दरअसल, मेन रोड में वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए रांची नगर निगम ने इस सड़क पर सीमित संख्या में ई-रिक्शे चलवाने की योजना बनायी थी. इसके अलावा अन्य रूटों के लिए भी ई-रिक्शों की संख्या निर्धारित कर दी गयी थी. तय हुआ था कि मेन रोड में केवल 47 ई-रिक्शे ही चलेंगे. तय संख्या के अनुरूप ई-रिक्शों को मेन रोड का रूट पास भी बांट दिया गया. कुछ दिन तक सब कुछ ठीकठाक चला, लेकिन उसके बाद नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस दोनों निश्चिंत हो गये. मौजूदा समय में मेन रोड में 300 से ज्यादा ई-रिक्शे चल रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. नतीजतन, रोजाना मेन रोड में घंटों जाम लग रहा है और जाम में फंसे लोग राजधानी की यातायात व्यवस्था को कोस रहे हैं.
फुटपाथ दुकानदारों पर नहीं है ध्यान : झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद इस सड़क से अभियान चलाकर फुटपाथ दुकानदारों को हटाया गया था. परंतु प्रशासन और नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से इस सड़क पर एक बार फिर से फुटपाथ दुकानदारों का कब्जा हो गया है. सड़क पर ही ठेला-खोमचा और फेरीवालों द्वारा दुकान लगाये जाने के कारण सड़क की चौड़ाई काफी कम हो जाती है. जिसके कारण वाहन रुक-रुक कर इस सड़क पर चलते हैं.
लॉटरी सिस्टम से होना था ई-रिक्शा का परिचालन : राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक जाम से निबटने के लिए प्रशासन ने ई-रिक्शाें का परिचालन लॉटरी सिस्टम से करने का प्लान बनाया था. नगर निगम ने इनके लिए 26 रूट बनाये थे. तय हुआ था कि सभी ई-रिक्शा तय रूट पर चल पाएंगे. राजधानी में कुल 1200 से ज्यादा ई-रिक्शे ही रजिस्टर्ड हैं. नियमानुसार हर रूट पर पर 25-25 ई-रिक्शाें का परिचालन होना था. हालांकि, राजधानी में कुल ई-रिक्शों की संख्या 1500 से ज्यादा है. ऐसे में ज्यादातर ई-रिक्शा चालक कमाई के चक्कर में यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए मेन रोड में घुस जाते हैं, जिससे जाम लग जाता है.

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