सूत्रों ने बताया कि शर्त रखी गयी थी कि नीलामी में शामिल होनेवाली कंपनियां वित्तीय वर्ष 2016-17 का बैलेंस शीट जमा करेंगी. पर कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2015-16 का बैलेंस शीट जमा किया. इसके पीछे कंपनियों का तर्क था कि वित्तीय वर्ष 2016-17 का अॉडिटेड बैलेंस शीट जुलाई माह में जारी होती है,जबकि इन्हें जून माह में ही बैलेंस शीट जारी करना था. निविदा की तकनीकी शर्तों की वजह से कोई भी कंपनियां योग्य नहीं ठहरायी जा सकीं. इसके बाद खान विभाग ने नीलामी रद्द कर नये सिरे से निविदा जारी करने का फैसला किया. यह चौथी बार है जब परासी सोना खदान की नीलामी रद्द की गयी है. अब पांचवीं बार फिर से नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. बताया गया कि अगस्त माह में फिर से नीलामी की निविदा निकाली जायेगी.
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देश की सबसे बड़ी सोना खदान की नीलामी चौथी बार रद्द
रांची : झारखंड में देश की सबसे बड़ी सोना खदान की नीलामी चौथी बार रद्द हो गयी है. नीलामी में तीन कंपनियां वेदांता, रूंगटा माइंस व टीपी साव शामिल हुईं, पर निविदा की शर्तों की वजह से नीलामी की बोली नहीं लगायी जा सकी. तकनीकी बिडिंग के बाद ही नीलामी को रद्द करना पड़ा. सूत्रों […]
रांची : झारखंड में देश की सबसे बड़ी सोना खदान की नीलामी चौथी बार रद्द हो गयी है. नीलामी में तीन कंपनियां वेदांता, रूंगटा माइंस व टीपी साव शामिल हुईं, पर निविदा की शर्तों की वजह से नीलामी की बोली नहीं लगायी जा सकी. तकनीकी बिडिंग के बाद ही नीलामी को रद्द करना पड़ा.
सूत्रों ने बताया कि शर्त रखी गयी थी कि नीलामी में शामिल होनेवाली कंपनियां वित्तीय वर्ष 2016-17 का बैलेंस शीट जमा करेंगी. पर कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2015-16 का बैलेंस शीट जमा किया. इसके पीछे कंपनियों का तर्क था कि वित्तीय वर्ष 2016-17 का अॉडिटेड बैलेंस शीट जुलाई माह में जारी होती है,जबकि इन्हें जून माह में ही बैलेंस शीट जारी करना था. निविदा की तकनीकी शर्तों की वजह से कोई भी कंपनियां योग्य नहीं ठहरायी जा सकीं. इसके बाद खान विभाग ने नीलामी रद्द कर नये सिरे से निविदा जारी करने का फैसला किया. यह चौथी बार है जब परासी सोना खदान की नीलामी रद्द की गयी है. अब पांचवीं बार फिर से नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. बताया गया कि अगस्त माह में फिर से नीलामी की निविदा निकाली जायेगी.
लावा सोना खदान में अगले वर्ष से खुदाई संभव : सरायकेला स्थित लावा सोना खदान का लीज मनमोहन मिनरल्स को मिल चुका है. कंपनी द्वारा अभी कागजी कार्रवाई की जा रही है. विभागीय सूत्रों ने बताया कि अगले वर्ष से इस सोना खदान से खुदाई संभव हो सकेगी.
9.89 लाख टन है सोने का भंडार
रांची जिले के तमाड़ प्रखंड स्थित परासी देश की सबसे बड़ी सोना खदान है. 69.240 हेक्टेयर में यह खदान है. परासी में 9.894 लाख टन सोना अयस्क का भंडार है. यहां 8.90 टन चांदी, 82.46 टन लीड, 369.54 टन निकेल, 230.33 टन कोबाल्ट, 98.94 टन मोलीबेडनम, 103.88 टन टिन और 102.40 टन गैलियम का भी भंडार भी है. इसी वजह से इसे देश का सबसे बड़ा सोना खदान माना जाता है.
पहाड़डिया सोना खदान की भी चल रही है प्रक्रिया
खान विभाग द्वारा इससे पूर्व प. सिंहभूम स्थित पहाड़डिया सोना खदान की नीलामी प्रक्रिया पूरी की गयी थी. दिल्ली की कंपनी मैथन इस्पात को यह खदान मिला है. कंपनी द्वारा प्रोसपेक्टिंग लाइसेंस के लिए स्कीम अॉफ एक्सपोलेरशन अाइबीएम व खान विभाग के पास जमा किया गया है. इसकी मंजूरी मिलते ही कंपनी द्वारा ड्रिलिंग का काम आरंभ किया जायेगा.
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