इस तरह शॉट गन, राइफल व बुलेट करीब 12 फीसदी तक सस्ते होंगे. इधर, निजी हथियार के रूप में इस्तेमाल होनेवाले पिस्टल व रिवॉल्वर को जीएसटी के 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखने से ये आर्म्स भी राज्य में अब एक-दो फीसदी तक सस्ते हो सकते हैं. गौरतलब है कि हथियार का बाजार बड़े व्यापारी, ठेकेदार, उद्योगपतियों, सुरक्षा एजेंसी व राजनीतिज्ञों सहित खुद को असुरक्षित महसूस करनेवाले अन्य लोगों के ऊपर टिका है. हालांकि अार्म्स डीलर अभी कीमतों के बारे कुछ भी बोलना नहीं चाहते. उनका कहना है कि जब तक हथियार कारखानों (अॉर्डनेंस फैक्टरी) से उन्हें कीमतों की सूची नहीं मिल जाती, कुछ भी बोलना ठीक नहीं रहेगा. गन हाउस, अपर बाजार के संचालक राज ऋषि तिवारी ने कहा कि अभी तो हमारा धंधा चौपट है.
हम लोगों ने पुणे स्थित बुलेट कारखाने से संपर्क किया है, पर कोई जवाब नहीं मिला है. रिवॉल्वर कानपुर में बनता है. वहीं अन्य हथियारों के कारखाने भी अलग-अलग हैं. सभी कारखानों में जाना व संपर्क करना हमारे लिए मुश्किल है. श्री तिवारी ने कहा कि हथियार कोई रोज बिकने वाली चीज नहीं है. रांची में हथियारों के करीब 12 डीलर हैं. सबके पास अभी पुराने माल बचे हैं. जीएसटी लागू होने के बाद कहा गया है कि 90 दिनों के अंदर अपना क्लियरेंस कर लें.