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इलेक्ट्रॉनिक सामान के बेकार होने पर क्या करें, बतायें : अशोक

रांची: कला, संस्कृति विभाग के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रदूषण खतरनाक है और इससे तरह-तरह की बीमारियों का जन्म होता है. आज इलेक्ट्रॉनिक सामानों का प्रयोग बढ़ रहा है़ यह जानना जरूरी है कि जब ये सामान बेकार हो जायें, तो उसका क्या करें, उसे कैसे नष्ट किया जाये़ सरकार ने इस […]

रांची: कला, संस्कृति विभाग के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रदूषण खतरनाक है और इससे तरह-तरह की बीमारियों का जन्म होता है. आज इलेक्ट्रॉनिक सामानों का प्रयोग बढ़ रहा है़ यह जानना जरूरी है कि जब ये सामान बेकार हो जायें, तो उसका क्या करें, उसे कैसे नष्ट किया जाये़ सरकार ने इस दिशा में अभियान चलाया है और रांची में भारतीय लोक कल्याण संस्थान ने इस क्षेत्र में अच्छा काम किया है़ जहां इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदे जाते हैं, वहां एक परचा भी दिया जाना चाहिए, जो बताये कि उस सामान के बेकार होने पर क्या करे़ं वे भारतीय लोक कल्याण संस्थान द्वारा बीएनआर चाणक्य में आयोजित इलेक्ट्रॉनिक कचरे का पर्यावरण पर नुकसान विषयक जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़.
ई-कचरा पहुंचाता है नुकसान
विशिष्ट अतिथि, उषा मार्टिन के सीनियर मैनेजर अरूप दत्ता ने कहा कि ई-कचरा दो तरह के हैं- आइटी कचरा और इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक कचरा़ यह कचरा यदि घर में पड़ा रहे, तो नुकसान करता है़ रखा हुआ प्लास्टिक डायोक्सीन गैस उत्पन्न करता है़ जहां दस या अधिक उपकरणों का इस्तेमाल होता है, वहां के लिए कानून बनाये गये है़ं ई-कचरे का रिकॉर्ड रखना चाहिए, वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और इसे निकटवर्ती प्राधिकृत रिसाइकलिंग केंद्र को देना चाहिए़ झारखंड में ऐसा एक भी केंद्र नहीं है़ पश्चिम बंगाल में एक, छत्तीसगढ़ में दो और उत्तरप्रदेश में 22 रिसाइकिलिंग केंद्र है़ं
डॉ राजश्री जयंती ने कहा कि ई-कचरा तो दूर, लोग साधारण कचरे का भी सही ढंग से प्रबंधन नहीं करते़ गंदगी फैलने से रोकने के लिए फाइन या दंड की व्यवस्था से जागरूकता तेजी से फैलेगी़
ई-कचरे की रिसाइकलिंग होनी चाहिए
पिंकी कुमारी ने प्रोजेक्शन के माध्यम से ई-कचरा के स्रोत की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि घरों में कंप्यूटर, टीवी, रेडियो, मोबाइल फोन, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेब ओवन, सीडी प्लेयर, पंखा, इलेक्ट्रॉनिक सामान के अलावा अस्पताल में मॉनिटर, इसीजी उपकरण, माइक्रोस्कोप, इंक्यूबेटर, कार्यालयों में सीपीयू, फैक्स मशीन, फोटोकॉपी मशीन, स्कैनर, ट्यूबलाइट, एयरकंडीशनर, निजी क्षेत्र में ब्वाॅयलर, सिग्नल जेनेरेटर आदि इसके स्रोत हैं. ये सब चीजें काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इनकी रिसाइकलिंग होनी चाहिए़ भारतीय लोक कल्याण संस्थान के सचिव एके सिंह ने बताया कि रांची सहित देश के दस शहरों में जागरूकता अभियान चलाया गया है. रांची में 5400 लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाने का लक्ष्य था, जबकि यहां 18,000 से अधिक लोगों को जागरूक किया गया है. रजनी सिंह व संध्या रानी साहा ने भी जानकारियां दी़

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