संगीता छात्रावास के बाहर कपड़ा लेने के लिए कमरा के बाहर निकली थी, इसी क्रम में टाइल्स पर संगीता का पैर फिसल जाने से उसके पैर की हड्डी टूट गयी. पैर टूट जाने के कारण पैर फूल गया. संगीता ने कहा कि इसके बाद संगीता तीन दिनों तक दर्द से रोती-बिलखती रही, लेकिन उसका इलाज नहीं कराया गया और न ही उसके घरवालों को खबर दी गयी या उसे छुट्टी दी गयी. इसके बाद 12 जुलाई को घरवालों को सूचित किये बिना ही छुट्टी दे दी गयी.
विद्यालय से नाम काट कर भगा देने की धमकी देती है. इधर संगीता कुमारी की मां सुनीता देवी ने बताया कि मजबूरी में पढ़ाई के लिए कस्तूरबा में भेजे हैं. वे लोग किसी प्रकार मेहनत मजदूरी करके खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं, फिर इसका इलाज कैसे करायेंगे, यह परेशानी है. उन्होंने कहा कि कूपा और मेलवान गांव की लगभग 15 लड़कियां पढ़ती हैं. इस घटना से सभी के माता-पिता में आक्रोश देखा जा रहा है.