इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने खंडपीठ को बताया कि स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया बंद है. एकल पीठ ने नियुक्ति विज्ञापन को निरस्त कर दिया है, जो उचित नहीं है. उन्होंने मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत स्तर पर सभी प्रतिवादियों को नोटिस का तामिला करा देंगे. प्रतिवादियों को नोटिस का तामिला नहीं हो पाया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की अोर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने राज्य के हाइस्कूलों में 17,572 शिक्षकों की जिलावार नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. इसमें विषय विवाद को लेकर अभ्यर्थियों ने रिट याचिका दायर की थी. एकल पीठ ने आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन को रद्द कर नये सिरे से विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था. उधर, आयोग द्वारा आवेदन देने की समय सीमा के अंदर लगभग 1.73 लाख अभ्यर्थियों ने शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है. सरकार ने कहा है कि एकल पीठ का आदेश खारिज करने योग्य है.