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झारखंड में पीएमजीएसवाइ की सड़कों की गुणवत्ता देश में सबसे ज्यादा खराब

रांची: झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत बनायी गयी सड़कों की गुणवत्ता देश में सबसे खराब है. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा ने राज्य सरकार को इस बात से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी की […]

रांची: झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत बनायी गयी सड़कों की गुणवत्ता देश में सबसे खराब है. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा ने राज्य सरकार को इस बात से अवगत कराया है.
उन्होंने कहा है कि झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी की जा रही है. राज्य की सड़कें गुणवत्ता के मानकों को पूरी नहीं करती हैं. श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को इसकी जानकारी दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर मुख्य सचिव व ग्रामीण विकास सचिव को पत्र लिख कर समस्या का समाधान करते हुए सड़कों की गुणवत्ता के मानकों का पालन पूरा करने को कहा गया है.
12 प्रतिशत सड़कें गुणवत्ता टेस्ट में फेल : झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनायी गयी 12 प्रतिशत सड़कों की गुणवत्ता खराब है. यह सड़कें मानक के आधे नियम भी पूरी नहीं कर रही हैं. केंद्र सरकार की टीम राज्य में लगातार सड़कों की गुणवत्ता की जांच करती है. जांच में 12 प्रतिशत सड़कें गुणवत्ता टेस्ट में फेल पायी गयी हैं. सड़कों के निर्माण के दौरान कहीं ग्रेड वन – टू का बेस नहीं है, तो कहीं मोरम पर ही पिच बिछा पाया गया. केंद्रीय टीम ने कई सड़कों को प्राइमरी मानक पर भी खरी नहीं बताया है. केंद्रीय टीम द्वारा राज्य में सड़कों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़े करने के बाद केंद्रीय सचिव ने राज्य सरकार को स्थिति सुधारने का निर्देश दिया है. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव अविनाश कुमार को स्थिति का आकलन करने को कहा है. श्री कुमार को समस्या का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिये गये हैं.
विधानसभा कमेटी ने भी पकड़ी थी गड़बड़ी
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य में गड़बड़ी विधानसभा की कमेटी ने भी पकड़ी थी. पीएमजीएसवाइ के तहत राज्य में बनी सड़कों के निर्माण में अनियमितता का मामला भाजपा के विधायक शिवशंकर उरांव ने विधानसभा में उठाया था. पक्ष-विपक्ष के विधायकों का कहना था कि ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल है. सड़क केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से बनाया जाता है, लेकिन ये अपना काम स्बलेट कर देते हैं. इसकी गुणवत्ता की जांच नहीं होती है. पक्ष-विपक्ष के विधायकों की बात सुनने के बाद स्पीकर ने राधाकृष्ण किशोर की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनायी. जांच कमेटी ने राज्य के अलग-अलग जिलों में पीएमजीएसवाइ के तहत बनी सड़कों की जांच की. इसमें भारी गड़बड़ी पकड़ी गयी.

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