कतरास विकास मंच की प्रार्थना सभा 17 वें दिन जारी रही. महाधरना में मासस विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि यहां के लोग गोलबंद हैं. यह बड़ी बात है. एक दिन का फैसला नहीं है. एक-दो वर्ष पहले यहां के प्रतिनिधि अगर लगे होते, तो इस रेल लाइन को बचाया जा सकता था. अगर तेल के कुएं में आग बुझायी जा सकती है, तो यहां की आग को आराम से बुझाया जा सकता है. मगर सरकार को आग बुझाने से मतलब नहीं है. कहा कि धनबाद के सांसद निगेटिव मेंटलिटी के व्यक्ति हैं. आग कैसे बुझायी जाये, उसकी चिंता नहीं है.
पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि हमें रोड का इलाज ढूंढ़ना है, तो उसके कारणों की बात भी ढ़ूढ़नी होगी. भारत में रेलवे लाइन अंगरेजों ने लायी थी, ताकि कोयला, तांबा, लोहा ढोकर आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. किंतु अभी कॉरपोरेट घराने को फायदा पहुंचाने के लिए रेल लाइन को उजाड़ा जा रहा है. कितने मर गये. मगर कोयला का कारोबार नहीं रुका. सरकार चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कतरास को उजाड़ रही है. वह दिन दूर नहीं, जब पूरे कोयलांचल को नोटिस देकर हटा दिया जायेगा.