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नहीं बढ़ी कर्मियों की ग्रेच्यूटी की 20 लाख की सीमा
रांची : केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी उपक्रमों में काम करनेवाले कर्मियों की ग्रेच्यूटी की सीमा 20 लाख नहीं हो सकी. 23 फरवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक में श्रम मंत्री ने यह आश्वासन दिया था. मंत्री ने आश्वासन दिया था कि बजट सत्र में ही इसकी सीमा केंद्र […]
रांची : केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी उपक्रमों में काम करनेवाले कर्मियों की ग्रेच्यूटी की सीमा 20 लाख नहीं हो सकी. 23 फरवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक में श्रम मंत्री ने यह आश्वासन दिया था. मंत्री ने आश्वासन दिया था कि बजट सत्र में ही इसकी सीमा केंद्र सरकार के कर्मियों की तरह कर दी जायेगी. ग्रेच्यूटी की सीमा नहीं बढ़ाये जाने से सेवानिवृत्त होनेवाले कर्मियों को 10 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. इसके लिए भारत सरकार को ग्रेच्यूटी भुगतान अधिनियम में संशोधन कराना होगा.
कोल इंडिया को हो रही है 100 करोड़ की बचत
सीटू नेता आरपी सिंह का कहना है कि ग्रेच्यूटी की सीमा नहीं बढ़ाने से कोल इंडिया को हर माह करीब 100 करोड़ रुपये की बचत हो रही है. हर माह जितने कर्मी रिटायर हो रहे हैं, उनको यह राशि नहीं मिल रही है.
निजी क्षेत्र के उद्यमियों को भी चार से पांच हजार करोड़ रुपये की बचत का अनुमान है. निजी क्षेत्र के कर्मियों के दबाव के कारण भारत सरकार इस अधिनियम में संशोधन नहीं कर रही है. द झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव सनत मुखर्जी का कहना है कि दरअसल इसे बचत कहना गलत होगा. वास्तव में यह कानून और ताकत दुरुपयोग कर सरकार बुढ़ापे के सहारे पर डाका डाल रही है.
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