1998 में चालू होनेवाली यह परियोजना 19 वर्षों बाद चालू होने के सवाल पर कहा कि कुछ प्राकृतिक कारण से ऐसा होता है, लेकिन यहां लॉ आर्डर की समस्या के कारण ऐसा हुआ है. उन्होंने माना कि संभवत: कोल इंडिया का यह सबसे डिलेड (विलंब से शुरू होनेवाला) प्रोजेक्ट है. विस्थापितों के सवाल पर कहा कि गांवों में विकास के संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे. अपनी मन की बात पूछे जाने पर कहा कि लोगों को साथ में लिए बिना विकास संभव नहीं है.
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पर्यावरण के अनुकूल और भी प्रोजेक्ट लगाये जाने की योजना
पिपरवार: भारत सरकार के कोयला सचिव सुशील कुमार ने शनिवार को पिपरवार के राजधर में नवनिर्मित साइडिंग का उदघाटन किया. मौके पर उक्त साइडिंग से मगध-आम्रपाली के एक रैक कोयला को हरी झंडी दिखा कर उच्चाहार थर्मल पावर के लिए रवाना किया. इस अवसर पर हाजीपुर रेल जोन के मुख्य परिवहन प्रबंधक एसके झा, सीसीएल […]
पिपरवार: भारत सरकार के कोयला सचिव सुशील कुमार ने शनिवार को पिपरवार के राजधर में नवनिर्मित साइडिंग का उदघाटन किया. मौके पर उक्त साइडिंग से मगध-आम्रपाली के एक रैक कोयला को हरी झंडी दिखा कर उच्चाहार थर्मल पावर के लिए रवाना किया. इस अवसर पर हाजीपुर रेल जोन के मुख्य परिवहन प्रबंधक एसके झा, सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह, डीटीओ सुबीर चंद्रा, डीपी आरएस महापात्र, पिपरवार जीएम एसएस अहमद, एनके सीजीएम केके मिश्रा, मगध-आम्रपाली जीएम एके ठाकुर, सीआइएसएफ कमांडेंट अशोक जालवानियां, चतरा डीसी संदीप सिंह, एसपी अंजनी कुमार झा के अलावा सीसीएल व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी व श्रमिक प्रतिनिधि मौजूद थे.
पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह साइडिंग काफी उपयोगी होगा : पिपरवार की नयी साइडिंग से आज कोयला रैक रवाना हुआ. पिपरवार के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह साइडिंग काफी उपयोगी साबित होगा. उक्त बातें कोयला सचिव सुशील कुमार ने साइडिंग के उदघाटन के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस साइडिंग से प्रतिदिन चार रैक कोयला डिस्पैच का लक्ष्य है, जो बाद में प्रतिदिन 12 रैक तक हो जायेगा. रेलवे से कोयला डिस्पैच होने पर पर्यावरण प्रदूषण कम होगा. ट्रांसपोर्टिंग के कारण कार्बन उत्सर्जन की समस्या से निजात मिलेगी. विद्युतीकरण के बाद रेलवे से डिस्पैच होने पर कंज्यूमर को बचत होगी. लागत कम होने से प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम आयेगा. जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा. उन्होंने बताया कि कोयला मंत्रालय द्वारा इस तरह के और भी लाभकारी प्रोजेक्ट लगाये जाने की योजना है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों.
अधिकारियों के साथ की मंत्रणा : कोयला सचिव ने राजधर साइडिंग के उदघाटन से पूर्व संगम विहार में सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह, चतरा डीसी संदीप सिंह, एसपी अंजनी कुमार झा, पिपरवार जीएम एसएस अहमद सहित सीसीएल निदेशकों के साथ विधि व्यवस्था को लेकर चर्चा की. साइडिंग की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेने के बाद राजधर साइडिंग के लिए रवाना हुए.
विस्थापितों को उनका हक जरूर मिलेगा : सीएमडी : सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि अधिग्रहीत जमीन के एवज में कागजी प्रक्रिया पूरी करने के एक माह के अंदर नियुक्ति पत्र दे दिया जायेगा. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा चुका है. उन्होंने रेलवे साइडिंग परियोजना को लेकर आंदोलन करनेवाले टानाभगतों की समस्या का हल निकालने का निर्देश भी दिया. विभागीय अधिकारियों को संबंधित पक्षों को बुला कर उनकी समस्या जानने व कागजी प्रक्रिया पूरी करनेवालों को तत्काल नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया.
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