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डिबार हो गयी एस्सेल इंफ्रा
नगर अायुक्त ने दिया आदेश शहर के 21 वार्डों में सफाई-व्यवस्था का काम देख रही कंपनी एस्सेल इंफ्रा को रांची नगर निगम ने डिबार कर दिया है. बार बार की चेतावनी के बावजूद सफाई-व्यवस्था में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाये जाने पर बुधवार को नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने कंपनी को डिबार करने […]
नगर अायुक्त ने दिया आदेश
शहर के 21 वार्डों में सफाई-व्यवस्था का काम देख रही कंपनी एस्सेल इंफ्रा को रांची नगर निगम ने डिबार कर दिया है. बार बार की चेतावनी के बावजूद सफाई-व्यवस्था में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाये जाने पर बुधवार को नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने कंपनी को डिबार करने का आदेश दिया.
रांची : एस्सेल इंफ्रा और रांची नगर निगम ज्वाइंट वेंचर के तहत ‘रांची एमएसडब्ल्यू’ के नाम से शहर की सफाई व्यवस्था का काम देख रही है. इस कंपनी की सफाई व्यवस्था को लेकर बुधवार दिन के 11 बजे नगर आयुक्त ने कंपनी और निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें नगर आयुक्त ने कहा कि बहुत बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन कंपनी सफाई व्यवस्था में सुधार करने को तैयार नहीं है. ऐसे में कंपनी को डिबार करना ही हमारे लिए अंतिम विकल्प बचता है. गुरुवार को कंपनी को इस संबंध में पत्र सौंप दिया जायेगा.
अब तक 21 वार्डों में ही अटकी है कंपनी
एस्सेल इंफ्रो ने दो अक्तूबर 2016 को शहर की सफाई व्यवस्था अपने हाथ में ली थी. उस समय कंपनी ने दावा किया था कि वर्ष 2017 के प्रारंभ तक शहर के सभी 55 वार्डों में सफाई का कार्य शुरू हो जायेगा, लेकिन पिछले नौ माह में कंपनी केवल 21 वार्डों में ही सफाई का काम शुरू कर पायी है. कंपनी जिन वार्डों में सफाई कर रही थी. उन वार्डों की सफाई व्यवस्था का भी हाल बुरा था.
14 बार से अधिक कर्मचारियों ने की हड़ताल
कंपनी ने जब से शहर में सफाई व्यवस्था का जिम्मा उठाया है, तब से लेकर अब तक कंपनी के कर्मचारियों ने 14 से अधिक बार हड़ताल की है. कंपनी द्वारा नियमित वेतन नहीं दिये जाने से कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर चले जा रहे थे. कंपनी के इस हालात पर निगम ने हाल ही में कंपनी को 50 लाख रुपये भुगतान किया था. इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर जमे हुए थे. नाराज कर्मचारियों ने एक बार मुख्यमंत्री के काफिले को भी रोक दिया, लेकिन कंपनी के कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ.
नगर विकास मंत्री ने दिया था आदेश
मंगलवार को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने समीक्षा बैठक में एस्सेल इंफ्रा की कार्यशैली पर एतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि कंपनी हम झारखंडियों को मूर्ख समझती है इसलिए सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर टालमटोल कर रही है. एेसे में कंपनी को डिबार कर देना चाहिए.
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