झाविमो महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि सस्ती लोकप्रियता और एक बार फिर संशय की स्थिति बनाने के लिए टीएसी में सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक पर चर्चा की गयी. 11 जुलाई से मॉनसून सत्र आहूत है़ सरकार इस संशोधन विधेयक को विधानसभा में लाये और संपूर्ण विधेयक को वापस ले़ .
इसके बाद इस विषय पर सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के बीच आम सहमति का वातावरण बनाया जाना चाहिए़ झामुमो महासचिव श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों के अस्तित्व व पहचान का मूल संवैधानिक कवच है़ इन संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी प्रकार छेड़छाड़ से गंभीर संकट उत्पन्न होगा़ भाजपा को संविधान को सर्वोच्च सम्मान प्रदान करना चाहिए़ उसके प्रावधानों, नियम-परिनियम को मूल धार्मिक ग्रंथ की तरह अक्षरश: पालन करना चाहिए़ सामाजिक सौहार्द्र पर किसी तरह की बुरी नजर नहीं रखनी चाहिए़