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करोड़ों के भवन बना रहे हैं, तो पार्किंग भी बड़ी बनाते!

रांची: राजधानी रांची के विकास से जुड़ी कई निर्माण योजनाएं जल्द ही धरातल पर उतरने वाली हैं. इसके तहत रवींद्र भवन, बिरसा स्मृति पार्क और रांची नगर निगम के लिए नये भवन का निर्माण किया जायेगा. लेकिन, करोड़ों रुपये की लागत से बननेवाले इन विशाल भवनों की पार्किंग क्षमता काफी कम रखी गयी है, जो […]

रांची: राजधानी रांची के विकास से जुड़ी कई निर्माण योजनाएं जल्द ही धरातल पर उतरने वाली हैं. इसके तहत रवींद्र भवन, बिरसा स्मृति पार्क और रांची नगर निगम के लिए नये भवन का निर्माण किया जायेगा. लेकिन, करोड़ों रुपये की लागत से बननेवाले इन विशाल भवनों की पार्किंग क्षमता काफी कम रखी गयी है, जो डीपीआर बनानेवालों की दूरदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़े करती है.

जब ये भवन बन कर तैयार होंगे, तो हर दिन इन स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग आयेंगे. उस दौरान पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलने पर वे अपने वाहन सड़कों पर ही खड़ा करेंगे. यानी पहले से ही जाम की समस्या से जूझ रही राजधानी के लिए परेशानी का नया एक अध्याय शुरू हो जायेगा.
पार्किंग ही होगी भविष्य की सबसे बड़ी समस्या
शहर के जानेमाने आर्किटेक्ट सुजीत भगत भी आशंका जाहिर कर रहे हैं कि आनेवाले समय में अगर शहर किसी चीज से सबसे अधिक डिस्टर्ब होगा, तो वह होगी पार्किंग की समस्या. जिस हिसाब से शहर में वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से पार्किंग नहीं बन रही हैं. श्री भगत कहते हैं कि प्रस्तावित रांची नगर निगम भवन में केवल 42 चार पहिया वाहन खड़ा करने की जगह का खाका तैयार किया गया है. इससे अधिक वाहन तो निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के होंगे. रोजमर्रा के काम के लिए लिए निगम आनेवाले लोग अपने वाहन कहां खड़े करेंगे? इसके अलावा 40 एकड़ में बनाये जा रहे बिरसा स्मृति पार्क में भी केवल 300 वाहन खड़ा करने की क्षमता है. इसे बढ़ाने की जरूरत है, वरना आनेवाले समय में परेशानी और बढ़ेगी.
48 करोड़ में बनेगा भवन पार्किंग क्षमता केवल 42
रांची नगर निगम राजधानी के 16 लाख लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी करता है. जुडको द्वारा कचहरी मार्केट परिसर में 48 करोड़ की लागत से रांची नगर निगम के नये भवन का निर्माण किया जायेगा. मौजूदा समय में रांची नगर निगम के कार्यालय में रोजाना 10,000 से अधिक लोग आते हैं. निगम के लिए जो नया भवन बनाया जा रहा है, उसमें केवल 42 चारपहिया और 44 दोपहिया वाहन खड़ा करने की क्षमता होगी, जो निगम के अधिकारियों के लिए होगा. यानी यहां आनेवाले 10,000 लोग अपने वाहन सड़क के किनारे खड़ा करेंगे. इससे कचहरी रोड में जाम लगना तय है.
107 करोड़ में बनेगा पार्क पार्किंग क्षमता केवल 300
राज्य सरकार द्वारा 40 एकड़ में फैले बिरसा मुंडा जेल को बिरसा मुंडा स्मृति पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. 107 करोड़ की लागत से स्मृति पार्क, बैंक्वेट हॉल, झारखंड दर्शन सहित टावर रेस्टूरेंट, योगा सेंटर और जेल तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी है. अनुमान है कि इस पार्क में प्रतिदिन 30-40 हजार लोग आयेंगे. लेकिन, यहां केवल 300 वाहनों के लिए पार्किंग बनेगी. जाहिर है कि यहां आनेवाले लोग अपने वाहन सड़क के किनारे ही खड़ा करेंगे. नतीजतन, अलबर्ट एक्का चौक से लेकर निर्मल महतो चौक तक की सड़क का जाम होना तय है.
155 करोड़ के भवन में केवल 500 वाहनों की पार्किंग
पुराने टाउन हॉल परिसर में 155 करोड़ रुपये की लागत से रवींद्र भवन का निर्माण होगा, जिसे कला-संस्कृति केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. यहां 1500 लोगों की क्षमता वाला मल्टीपरपस हॉल, 1500 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, 50-50 लोगों के क्षमता वाले चार मीटिंग हाॅल, पुस्तकालय, जिम्नेजियम और संगीत कक्ष का भी निर्माण होगा. लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही बनेगा. एक बात तो स्पष्ट है कि जब भी यहां किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, तो हजारों की संख्या में लोग आयेंगे. ये लोग सड़क किनारे ही वाहन लगायेंगे, जो जाम का कारण बनेगा.

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