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8.46 करोड़ के खाद घोटाले में मिले साक्ष्य

रांची: एसीबी को जांच के दौरान झारखंड में वर्ष 2009-10 के दौरान हुए 8.46 करोड़ के खाद घोटाले से संबंधित साक्ष्य मिले हैं. एसीबी जल्द ही मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर आरोपियों की संलिप्तता पर अंतिम निर्णय लेकर उनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. एसीबी के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया […]

रांची: एसीबी को जांच के दौरान झारखंड में वर्ष 2009-10 के दौरान हुए 8.46 करोड़ के खाद घोटाले से संबंधित साक्ष्य मिले हैं. एसीबी जल्द ही मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर आरोपियों की संलिप्तता पर अंतिम निर्णय लेकर उनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. एसीबी के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मामले में एसीबी में वर्ष 2013 में केस दर्ज हुआ था.

गड़बड़ी के दौरान कृषि मंत्री के पद पर नलिन सोरेन, कृषि सचिव के पद पर एके सरकार और कृषि निदेशक के पद पर नेस्तार मिंज थे. एसीबी के अधिकारियों के अनुसार गड़बड़ी से संबंधित जो तथ्य मिले हैं, उसके अनुसार टेंडर को तीन भागों में बांट कर निविदा निकाली गयी थी. राष्ट्रीय स्तर पर टेंडर निकाले जाने से संबंधित सूचना भी प्रकाशित नहीं की गयी, ताकि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके.

एसीबी के अधिकारियों के अनुसार जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि तीन विभिन्न कंपनियों को खाद की आपूर्ति करने के एवज में फरजी बिल के आधार पर उन्हें रुपये का भुगतान किया गया था. मधुपुर की एक कंपनी को कुछ अधिकारियों ने फरजी तरीके से वर्मी कंपोस्ट बनाने का सर्टिफिकेट दिया था. इसी आधार पर कंपनी से खाद की आपूर्ति दिखायी गयी. इसके अलावा अन्य कंपनी जिनका वार्षिक खाद उत्पादन की मात्रा कम है, उन कंपनियों ने अधिक उत्पादन दिखा कर रासायनिक खाद की आपूर्ति की. इसके अलावा किस इलाके की भूमि के लिए कौन-सी रासायनिक खाद उपयुक्त है, वहां खाद सप्लाई करने से पहले मिट्टी की जांच करानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था.

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