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मनी लाउंड्रिंग का अारोप, मिला 360 करोड़ का काम
रांची : स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान में एंबुलेंस-108 घोटाला में शामिल रही एक कंपनी जिकिजा हेल्थ केयर लि. को झारखंड में एंबुलेंस-108 के कॉल सेंटर का काम दिया है. कॉल सेंटर के काम के लिए राज्य सरकार कंपनी को प्रति माह तीन करोड़ से अधिक का भुगतान करेगी. जिकिजा हेल्थ केयर को 10 साल के […]
रांची : स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान में एंबुलेंस-108 घोटाला में शामिल रही एक कंपनी जिकिजा हेल्थ केयर लि. को झारखंड में एंबुलेंस-108 के कॉल सेंटर का काम दिया है. कॉल सेंटर के काम के लिए राज्य सरकार कंपनी को प्रति माह तीन करोड़ से अधिक का भुगतान करेगी.
जिकिजा हेल्थ केयर को 10 साल के लिए काम दिया गया है. इस तरह उसे उसके पूरे कार्यकाल में 360 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जायेगा. संबंधित कंपनी पर राजस्थान में हुए घोटाला मामले में सीबीआइ ने प्रिवेंशन अॉफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने भी प्रिवेंशन अॉफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कंपनी के प्रबंध निदेशक रहे नरेश जैन पर मामला दर्ज किया है.
राजस्थान के 35 जिलों में चल रहे थे 450 एंबुलेंस: नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनअारएचएम) की इस योजना के तहत राजस्थान के कुल 35 जिलों में 450 एंबुलेंस चल रहे थे. इधर, सितंबर-2015 में सीबीआइ की प्राथमिकी को आधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने भी जिकिजा हेल्थ केयर के प्रबंध निदेशक नरेश जैन के मुंबई स्थित परिसर की तलाशी ली थी तथा प्रिवेंशन अॉफ मनी लाउंड्री एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था. इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए संपर्क करने पर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कुछ भी बोलने से मना किया. वहीं, झारखंड में कार्यरत कंपनी के महाप्रबंधक से बात नहीं हुई. अावश्यक कॉल संबंधी एसएमएस का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
कॉल सेंटर हो रहा तैयार
जिकिजा हेल्थ केयर के लिए सरकार अायुष निदेशालय के लिए डोरंडा में बने भवन में कॉल सेंटर तैयार करा रही है. कुल 60 सीटों वाले इस कॉल सेंटर का निर्माण भवन के तीन मंजिलों पर चल रहा है. कॉल सेंटर को कॉरपोरेट लुक दिया जा रहा है.
सेंटर में क्या होगा
राज्य भर में 108 नाम से कुल 329 एंबुलेंस चलने हैं. अाम लोग या सरकारी सूत्रों से सड़क दुर्घटना सहित अन्य अापात स्थिति की सूचना कॉल सेंटर को दी जायेगी. कॉल सेंटर से दुर्घटना के सबसे पास तैनात एंबुलेंस को सूचित कर वहां भेजेगा. यह एंबुलेंस मरीज को ट्रॉमा सेंटर या अस्पताल पहुंचायेगा.
दो साल पहले सीबीआइ ने की थी छापेमारी
मीडिया की खबरों के अनुसार सीबीआइ ने अगस्त 2015 में जिकिजा हेल्थ केयर के निदेशकों श्वेता मंगल, नरेश जैन और रवि कृष्णा के आवास व कार्यालय की तलाशी ली थी. इसके बाद मुंबई व जयपुर में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 471 तथा 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आरोप था कि कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर में कुछ ऐसी तकनीकी शर्त डाली गयी, जिससे एंबुलेंस-108 प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में अनियमितता हुई तथा संबंधित फर्म (जिकिजा) ने सरकार से अत्यधिक भुगतान लिया.
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