सभी से सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर सुझाव लिया जायेगा. लक्ष्मण गिलुवा ने बताया, सुझावों का ड्राफ्ट तैयार कर इसे सरकार के पास भेजा जायेगा. सरकार पर इन सुझावों को सीएनटी-एसपीटी संशोधन एक्ट में शामिल कराने के लिए दबाव बनाया जायेगा. इसके बाद सरकार अागे की प्रक्रिया पूरी करेगी.
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आदिवासी नेताओं से राय लेगी भाजपा, 29 को बैठक
रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से संबंधित विधेयक को राज्यपाल की ओर से लौटाये जाने के बाद भाजपा में अंदरूनी गतिविधियां बढ़ गयी हैं. पार्टी आदिवासी विधायकों के साथ रायशुमारी करेगी. इसे लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने 29 जून को पार्टी की बैठक बुलायी है. बैठक में सांसद कड़िया मुंडा, पूर्व […]
रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से संबंधित विधेयक को राज्यपाल की ओर से लौटाये जाने के बाद भाजपा में अंदरूनी गतिविधियां बढ़ गयी हैं. पार्टी आदिवासी विधायकों के साथ रायशुमारी करेगी. इसे लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने 29 जून को पार्टी की बैठक बुलायी है. बैठक में सांसद कड़िया मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के सभी आदिवासी विधायक और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोरचा के पदाधिकारियों को बुलाया गया है. बैठक में पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी.
कुल लोग भ्रम फैला रहे हैं : पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया : सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल को दोबारा भेजना पार्टी नहीं, सरकार का काम है. राज्यपाल ने बिल को सरकार के पास पुनर्विचार के लिए वापस भेजा है. इसकी जानकारी मुझे कुछ दिन पहले सरकार से मिली.
इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री से बात की. सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सरलीकरण किया था, उसमें रैयतों का हित था. जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा की बातें कही गयी थी. कुछ लोग इसको लेकर भ्रम फैला रहे थे. इसके बाद भी अगर बिल की वापसी हुई है, तो पार्टी चाहती है कि इसे लेकर बैठक हो. पार्टी चाहती है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में होनेवाले संशोधन से ज्यादा से ज्यादा आदिवासी व रैयतों का लाभ मिले. पार्टी इसकी समीक्षा करेगी.
बैठक में जिन्हें बुलाया गया : कड़िया मुंडा, अर्जुन मुंडा, पार्टी के आदिवासी विधायक व एसटी मोरचा के पदाधिकारियों को बुलाया गया है.
संशोधन हित में नहींसरकार ने संशोधन बिल दोबारा लाने का फैसला किया, तो इसे विधानसभा में ले जाना होगा. इस बार अपने विधायक भी बोलेंगे. सत्ता पक्ष के लोग भी विरोध कर रहे हैं. संशोधन झारखंड के हित में नहीं है़
– कड़िया मुंडा, भाजपा सांसद
मुद्दा संवेदनशील
सीएनटी-एसपीटी का मुद्दा संवेदनशील है. इसमें गहराई से मंथन होना चाहिए. राज्यपाल की ओर से जो आपत्तियां आयी हैं, उन पर जरूर विचार होना चाहिए़
-सरयू राय, खाद्य-आपूर्ति मंत्री
वक्त आने पर सब पता चल जायेगा : सीएम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक को लौटाये जाने के सवाल पर कहा कि समय आने पर सब पता चल जायेगा. मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सरकार का स्टैंड जानना चाहा था.
सरकार में मंथन होगा
अभी तो मैं अहमदाबाद में ट्रेनिंग में हूं. ट्रेनिंग के बाद इस मुद्दे पर सरकार में मंथन होगा. राज्यपाल ने किन परिस्थितियों में प्रस्ताव वापस किया इसकी जानकारी लेंगे.
– सीपी सिंह, नगर विकास मंत्री
गंभीरता से विचार हो
आजसू ने पूर्व में ही संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया था. आज भी हमारा रुख वही है. यदि राज्यपाल ने वापस कर दिया है, तो सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. मैं भी अपनी पार्टी के स्टैंड के साथ हूं.
– चंद्रप्रकाश चौधरी, पेयजल मंत्री
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