केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने और गरीब आदिवासियों की जमीन हड़पने के लिए कानून में संशोधन करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने संशोधन विधेयक लौटाने के लिए राज्यपाल की सराहना करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मामले में शुरू से ही सजग थी. राष्ट्रपति को भी लोगों की भावनाओं से अवगत कराया गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने गैर मजरूआ जमीन से लोगों को बेदखल किया. केंद्रीय नेताओं के इशारे पर ही आदिवासियों को बरबाद करने के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का फैसला लिया गया था. श्री सहाय ने कहा कि रघुवर सरकार का कार्यकाल राज्य गठन के बाद इतिहास का सबसे काला अध्याय है.
इस सरकार में किसानों की जमीन लूटी गयी. गोलीकांड हुए. जनप्रतिनिधियों पर सीसीए लगा कर प्रताड़ित किया गया. होल्डिंग व वाटर टैक्स बढ़ाया. अब बिजली बिल में वृद्धि कर दी गयी है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने राज्यसभा चुनाव मामले में चुनाव आयोग द्वारा भेजे गये पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव पैसे और पुलिस की मदद से लड़ा गया. अब दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री के साहेबगंज दौरे की बात करते हुए श्री सहाय ने कहा कि एक दिन में नौ करोड़ रुपये खर्च किये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए.