रांची : झारखंड के क्रांतिदूत भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू को आदर्श ग्राम बनाया जाना है, पर ग्रामीण विकास विभाग की इस योजना का कुछ स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. यह विरोध अचानक शुरू हुआ है तथा इसमें राज्य सरकार द्वारा सीएनटी एक्ट में संशोधन मामले को मुद्दा बनाया गया है. झारखंड की […]
रांची : झारखंड के क्रांतिदूत भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू को आदर्श ग्राम बनाया जाना है, पर ग्रामीण विकास विभाग की इस योजना का कुछ स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. यह विरोध अचानक शुरू हुआ है तथा इसमें राज्य सरकार द्वारा सीएनटी एक्ट में संशोधन मामले को मुद्दा बनाया गया है.
झारखंड की अनुसूचित जनजाति से संबंधित क्रांतिदूतों की जन्मस्थली को आदर्श ग्राम बनाने की इस योजना में विकास योजनाअों का प्रस्ताव तथा अनुमोदन ग्राम सभा से लिया जाना है, लेकिन ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हैं. खूंटी जिला प्रशासन ने उलिहातू में कैंप लगा कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया है, पर सफलता नहीं मिली है. इधर, मुख्यालय को इसकी सूचना मिलने पर विभागीय अधिकारी समाधान की कोशिश कर रहे हैं. अब विभाग के वरीय अधिकारी उलिहातू जानेवाले हैं.
गौरतलब है कि विधायक व झारखंड के अग्रणी क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित कुल 100 गांवों का चयन आदर्श ग्राम बनाने के लिए किया गया है. इनमें 81 गांव विधायकों द्वारा चिह्नित हैं. शेष 19 गांव क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित हैं. ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इन गांवों में ग्राम सांस्कृतिक केंद्र अखड़ा व ग्राम संसद भवन (सामुदायिक भवन) बनाया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर सभी 100 गांवों को एक-एक एंबुलेंस तथा किसी कार्यक्रम या योजना संबंधी प्रचार-प्रसार तथा जागरूकता कार्यक्रमों के लिए एक-एक एलसीडी दिये गये हैं.
आजीविका के कम से कम तीन स्रोत विकसित किये जाने हैं :इन गांवों को आदर्श गांव बनाने की अन्य शर्तें अभी पूरी होनी है. इनमें बेहतर सड़क, बिजली, पेयजलापूर्ति, स्कूल व अस्पताल सहित ग्रामीणों के समेकित विकास के अन्य कार्यक्रम शामिल हैं. आदर्श ग्राम में आजीविका के कम से कम तीन स्रोत विकसित किये जाने हैं तथा ग्रामीणों की आय मौजूदा आय से तीन गुनी बढ़ानी है. अगले तीन वर्षों में यह काम किया जाना है. इसके लिए सभी गांवों में ग्राम समिति का गठन किया जा रहा है. यह समिति अपने गांव में स्कूल, अस्पताल व अन्य विकास कार्य को सूचीबद्ध करेगी तथा सरकार को अपनी जरूरत तथा सुझाव से अवगत करायेगी. वहीं स्वास्थ्य व स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग सहित सरकार के विभिन्न विभाग कन्वर्जेंस (अभिसरण) के आधार पर सभी गांवों में अपनी योजनाएं क्रियान्वित करेंगे.