त्रिपक्षीय समझौते में कोयला मंत्रालय के प्रतिनिधि कोल माइंस प्रोविडेंट फंड (सीएमपीएफ) के इपीएफ में विलय के किसी तरह का प्रस्ताव तैयार नहीं होने की लिखित जानकारी देंगे. मजदूर यूनियनों को यह बताया जायेगा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव मंत्रालय में लंबित नहीं है. शेष अन्य छह मुद्दों पर वार्ता होगी. इसमें वेतन समझौता जल्द करने, सीएमपीएफ पेंशन स्कीम को वर्तमान व्यवस्था के तहत बहाल रखने, नौवें वेतन समझौते को पूरी तरह लागू करने, ठेका मजदूरी प्रथा बंद करने, ओवर टाइम पर लगाये गये प्रतिबंध को बंद करने तथा कोयला खदानों को बंद करने के निर्णय को वापस लेने की मांग शामिल है. कर्मियों का मुख्य मुद्दा सीएमपीएफ का इपीएफ में विलय है.
इस पर शुक्रवार को दिल्ली में मजदूर यूनियनों के साथ हुई वार्ता में सहमति बन चुकी है. केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव ने मजदूर यूनियनों को जानकारी दी है कि इपीएफओ के सीएमपीएफ में विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है. मजदूर यूनियनों ने इसके बाद आपस में बैठक कर निर्णय लेने की बात कही थी. दिल्ली की बैठक में केवल चार यूनियनों को बुलाया गया था. इस कारण मजदूर यूनियनों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा नहीं की थी. कोलकाता को रविवार को होने वाली बैठक से पूर्व पांचों यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक होगी. इसमें मुख्य श्रमायुक्त के साथ होने वाली वार्ता के मुद्दे पर बात होगी.