कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कक्षा नौ से 12 वीं तक में किसी विषय का एक पाठ पूरा होने पर प्रति सप्ताह टेस्ट परीक्षा लेने का सुझाव दिया है. कमेटी ने कहा है कि कक्षा नौ के साप्ताहिक टेस्ट का दस फीसदी अंक बच्चों को 10वीं में प्रोन्नत करने के लिए होनेवाली वार्षिक परीक्षा व कक्षा 11 के टेस्ट का दस फीसदी अंक विद्यार्थी को 12वीं में प्रोन्नत करने के लिए होनेवाली वार्षिक परीक्षा में जोड़ा जाये. इससे विद्यार्थियों के वर्ष की तैयारी का भी आकलन हो सकेगा. साप्ताहिक जांच परीक्षा की उत्तरपुस्तिका को स्कूल सुरक्षित रखें. इसका अंक संकलन व्यवस्थित तरीके से किया जाये, ताकि कभी भी उत्तरपुस्तिका की अलग से जांच करायी जा सके. जांच परीक्षा में विद्यार्थियों का शामिल होना अनिवार्य किया जाये. जो विद्यार्थी जांच परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, उन्हें अगली परीक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाये.
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पहल: मैट्रिक व इंटर में रिजल्ट सुधार के लिए सुझाव देने को गठित कमेटी ने की अनुशंसा कक्षा नौ से 12वीं तक हो साप्ताहिक टेस्ट
रांची : मैट्रिक व इंटमीडिएट के रिजल्ट में सुधार को लेकर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. कमेटी ने वर्ष 2017 की मैट्रिक व इंटर की रिजल्ट की समीक्षा के साथ-साथ इसमें सुधार के लिए अपना सुझाव दिया है. कमेटी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में कक्षा नौ से 12वीं की […]
रांची : मैट्रिक व इंटमीडिएट के रिजल्ट में सुधार को लेकर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. कमेटी ने वर्ष 2017 की मैट्रिक व इंटर की रिजल्ट की समीक्षा के साथ-साथ इसमें सुधार के लिए अपना सुझाव दिया है. कमेटी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में कक्षा नौ से 12वीं की परीक्षा प्रणाली में बदलाव की अनुशंसा की गयी है.
लिखित से पहले प्रायोगिक परीक्षा ली जाये
कमेटी ने सरकार से परीक्षा प्रक्रिया में भी बदलाव की अनुशंसा की है. राज्य में वर्तमान में मैट्रिक व इंटर में लिखित परीक्षा पहले व प्रायोगिक परीक्षा बाद में होती है. जबकि सीबीएसइ, आइसीएसइ व अन्य बोर्ड में प्रायोगिक परीक्षा पहले होती है. कमेटी ने झारखंड में भी लिखित से पहले प्रायोगिक परीक्षा लेने की अनुशंसा की है़ विद्यार्थियाें के लिए कक्षा में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य किया जाये. कहा गया कि विभाग द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी इसका पालन ठीक से नहीं किया जा रहा है.
आठ से दो बजे तक चले स्कूल
कमेटी ने हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय के संचालन के समय में भी बदलाव की अनुशंसा की है. विद्यालय प्रात: आठ से दो बजे तक चलाने को कहा गया है, ताकि आवश्यकता अनुसार विशेष कक्षा का संचालन किया जा सके. ऐसा करने से विद्यार्थियों को भी पढ़ने के लिए अधिक समय मिल सकेगा. यह भी सुझाव दिया गया कि मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हो, ताकि सिलेबस पूरा हो सके. परीक्षा के दौरान हर विषय की परीक्षा के बीच न्यूनतम दो दिन का गैप दिया जाये.
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