लोकेश राज ने आइआइटी जेइइ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को विषय के फंडामेंटल कंसेप्ट को अच्छी तरह से समझने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि शिक्षकों द्वारा बताये गये मार्ग पर स्वाध्याय ही लक्ष्य पाने का सरल व सुगम सूत्र है. वहीं, मयंक राज ने बताया कि यह उनका दूसरा प्रयास था. 12वीं के बाद एक वर्ष ड्राॅप कर आइआइटी जेइइ की तैयारी करना अपने आप में चैलेंज होता है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ विषय वस्तु की जटिलताएं बल्कि मनोवैज्ञानिक विषमताओं से भी लड़ने की शक्ति उसे संस्थान के शिक्षकों से ही मिली. वहीं, भव्या कुमार ने कहा कि आइआइटी में दाखिले के सपने को मूर्त रूप देने में ब्रदर्स एकेडमी के शिक्षकों की भूमिका रही. इस दौरान सेमिनार का भी आयोजन हुआ.
इसमें आइआइटी जेइइ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न भी पूछे गये, जिसका सफल विद्यार्थियों ने सटीक उत्तर दिया. सेमिनार में सफल छात्रों ने बताया कि इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों में एक सकारात्मक सोच उत्पन्न होता है. प्रतिभागियों ने इस सेमिनार को बहुत सफल और प्रासंगिक बताया. संस्थान के निदेशक शुभेंदु शेखर, पारस अग्रवाल और प्रेम प्रसुन ने तमाम सफल छात्रों को उनकी सफलता पर बधाई दी.