रांची : पिठोरिया में आत्महत्या करनेवाले कलेश्वर महतो के घर पर सोमवार को पूरा प्रशासनिक अमला पहुंच गया. पिठोरिया से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित सिमलबेड़ा गांव में रहनेवाले कलेश्वर पर 61608 रुपये का कर्ज था. उसने पत्नी मनोरमा देवी के नाम पर खेती करने के लिए बैंक से पैसे लिये थे. मनोरमा देवी के नाम से केसीसी का खाता सात फरवरी 2009 को खुला था.
उस वक्त 40 हजार रुपये लोन की राशि स्वीकृत की गयी थी. यह राशि बढ़ कर 61 हजार से अधिक हो गयी थी. कुछ दिन पहले ही पत्नी को बैंक से नोटिस मिला था. बेटी प्रीति व प्रिया के साथ बैठी पत्नी मनोरमा बताती हैं : कलेश्वर कुछ दिन से परेशान थे. खेती अच्छी नहीं थी. फसल को नुकसान हो गया था. करीब 50 डिसमिल में मूंग लगाया था. इसे जानवर चर गये थे. लेकिन, वह आत्महत्या कर लेंगे, ऐसी उम्मीद नहीं थी. घर में कलेश्वर की बूढ़ी मां भी रहती है.
भूगोल में स्नातक था कलेश्वर : करीब 46 साल का कलेश्वर पढ़ा-लिखा था. उसने रांची विश्वविद्यालय से भूगोल में स्नातक की पढ़ाई की थी. पत्नी मनोरमा भी इंटर तक पढ़ी हुई है. दोनों बेटियां कांके स्थित कस्तूरबा विद्यालय में वर्ग नौ और छह की छात्रा हैं. कलेश्वर का भतीजा राजेंद्र महतो ने बताया , 10 जून को मनोरमा देवी दूध बांटने गयी थी. घर लौटी, तो कलेश्वर नहीं था. वह अपने पति को खोजने किसुन महतो के घर गयी. घर के सामने स्थित खेत पर भी गयी. पर कलेश्वर नहीं मिला. बाद में उसकी नजर पास में स्थित महुआ के पेड़ पर गयी. वहां कलेश्वर फंदे से झूल रहा था. मनोरमा देवी ने इसकी सूचना आसपास के लोगों को दी. आनन-फानन में कलेश्वर को नीचे उतारा गया, पर उसकी मौत हो चुकी थी. बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. घटनास्थल से एक पन्ने का लिखित नोट मिला है. इसमें लिखा हुआ है, बढ़ता बैंक कर्ज, मेरे फसलों और पेड़-पौधे के नुकसान के कारण इस निर्णय पर पहुंचा हूं. इसके लिए मेरे किसी बच्चे या रिश्तेदार को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. मैं अपना शरीर त्याग रहा हूं. इस पत्र में 10 जून की तिथि का जिक्र किया गया है.
जांच मजिस्ट्रेट से कराने की अनुशंसा
कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा है कि विभाग ने प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें किसान की मौत की जांच मजिस्ट्रेट से कराने का आग्रह किया गया है. इस मामले में जिला प्रशासन को जानकारी दी गयी है. जिला प्रशासन ने एसडीओ और डीएसपी को जांच के लिए कहा है. विभाग ने जिला कृषि पदाधिकारी से इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या किसान पर ऋण वापसी का दबाव था. क्या उसके खेत फसल बीमा योजना के तहत कवर किये गये थे या नहीं.
खेती में मिल चुका था सम्मान
कलेश्वर पहले पिठोरिया के निजी विद्यालय में शिक्षक था. बाद में खेती करने लगे. रामकृष्ण मिशन की सहायता से पूर्व में खेती से अच्छा फायदा भी हुआ था. उसे रामकृष्ण मिशन में सम्मानित भी किया था. अपने नाम से केसीसी से पूर्व में 25 हजार रुपये का लोन लिया था. उसे उसने चुकता भी कर दिया था. अभी उसकी पत्नी के नाम से लोन था.
उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा
एसडीओ भोर सिंह यादव, डीसीएपी मुख्यालय अमित कच्छप, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार और हारीश कक्कड़ की कमेटी ने घटना की उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की है. कमेटी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कलेश्वर महतो की मौत अप्राकृतिक है. मृत्यु के कारण स्पष्ट नहीं हैं. कलेश्वर के शव का घर पर लाये जाने के दो-तीन घंटे के अंदर ही बिना सभी रिश्तेदारों के आये, अंतिम संस्कार कर दिया गया. टीओपी के प्रभारी संजय कुमार दूध लेने रोज कलेश्वर के घर जाते थे और उनसे बातचीत भी होती थी.
पुलिस के साथ ठीक-ठाक संबंध होने के बाद भी टीओपी को कलेश्वर की मौत की सूचना नहीं दी गयी. ये सभी बातें मृत्यु की परिस्थिति को संदेहास्पद बना देती है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कलेश्वर महतो ने एक डायरी रूपी एलबम तैयार किया था. इसमें उसने उत्तम कृषि का विवरण फोटो के साथ लिखा था.
इस डायरी में सुंदर लिखावट है. कोई स्पेलिंग मिस्टेक भी नहीं है. वहीं, सुसाइडल नोट की लिखावट काफी खराब है़ दोनों में काफी अंतर है. इसमें कई स्पेलिंग मिस्टेक हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के दिन कलेश्वर की दोनों बेटियों को नानी के घर भेज दिया गया था. दोनों में से कोई भी सिमलबेड़ा में नहीं थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुसाइडल नोट में शाम चार बजे लिखा गया है, जबकि कलेश्वर की मौत सुबह आठ से 11 बजे के बीच हुई. जांच के क्रम में बैंक अधिकारियों ने बताया कि कलेश्वर महतो का केसीसी एकाउंट वर्ष 2009 में ही बंद हो चुका है. उस पर बैंक अॉफ इंडिया का कोई लोन नहीं है. उनकी पत्नी मनोरमा देवी के नाम पर एक केसीसी लोन है, जो सामान्य है आैर एनपीए नहीं है. बैंक से कोई नोटिस नहीं दिया गया है आैर न ही रिकवरी के लिए बैंक से कोई उनके घर गया है. रिपोर्ट में कमेटी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की है.
अपनी बंजर पड़ी जमीन के पास ही कलेश्वर महतो ने कर ली खुदकुशी
पिठोरिया के मृत किसान कलेश्वर महतो के घर के सामने (सड़क के पार) करीब 40-50 डिसमिल उनकी खेतिहर जमीन है. उक्त जमीन बंजर पड़ी हुई है. गांव के लोग बताते हैं कि इसी जमीन पर पिछले साल कलेश्वर ने मिर्च की खेती की थी. अच्छी ऊपज हुई थी. वहीं उसने टमाटर की भी खेती की थी. अभी वह खेत पूरी तरह बंजर है. वहां कुछ नहीं लगा हुआ था. इसी खेत के पास कलेश्वर ने आत्महत्या की थी. वह कर्ज के बोझ तले दबा था.
विधायक पर भड़के ग्रामीण : कलेश्वर के घर पहुंचे कांके विधायक पर स्थानीय युवक भड़क गये. उन्होंने विधायक पर क्षेत्र के लोगों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया. ग्रामीण राम किशोर ने कहा कि विधायक को किसानों के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं है. किसानों ने सात रुपये किलो धान बेची है, कोई पूछने नहीं आया.
एसडीओ भी पहुंचे मृत किसान के घर: मृत किसान कलेश्वर महतो के परिजनों से मिलने एसडीओ भोर सिंह यादव भी पहुंचे. उन्होंने पूरे मामले की जांच की. परिजनों से बात भी की.
अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली : किसान के आत्महत्या करने की सूचना मिलने के बाद राज्य के कृषि निदेशक राजीव कुमार मामले की जानकारी लेने और परिजनों से मिलने किसान के घर पहुंचे. उनके साथ उप निदेशक धीरेंद्र कुमार पांडेय और जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार भी थे. कांके के प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम साहू भी घटना स्थल पर पहुंचे.
किसान सभा सरकार का कल पुतला दहन करेगी
रांची. पिठोरिया में एक किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले में झारखंड राज्य किसान सभा 14 जून को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार का पुतला दहन करेगी. किसान सभा की तीन सदस्यीय टीम में शामिल कोषाध्यक्ष सुफल महतो, मधुवा कच्छप व भुवनेश्वर मुंडा ने बताया कि किसान कलेश्वर महतो ने अपनी पत्नी के नाम पर 62 हजार रुपये का कर्ज लिया. कर्ज नहीं चुका पाने के कारण उसने 10 जून को आत्महत्या कर ली. वह अपने परिवार का एक मात्र कमाऊ व्यक्ति था. वहीं प्रशासन पूरे मामले को दूसरा रूप देने में लगा है. इसे सामान्य मौत बताना चाह रहा है. सभा ने सरकार से किसान के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने, कृषि कर्ज माफ करने व उसकी बेटियों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने की मांग की है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का भी आग्रह किया गया.
परिजनों से मिलने पिठोरिया पहुंचे पूर्व सीएम हेमंत, सुबोधकांत व जीतू चरण
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को कलेश्वर के परिजनों से मिलने उसके घर पहुंचे. श्री सोरेन ने परिजनों से घटना की पूरी जानकारी ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी कलेश्वर के परिजनों से मिलने पहुंचे. उन्होंने 10 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि परिजनों को दी. पीड़ित परिवार को भविष्य में भी मदद करने का आश्वासन दिया. दोनों नेताओं ने किसान की आत्महत्या पर दुख प्रकट किया. उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की. उनके साथ अइनुल हक अंसारी, विनोद महतो आदि मौजूद थे. इसके अलावा कांके विधायक जीतू चरण राम भी पीड़ित परिजनों से मिलने पिठोरिया पहुंचे.
ज्योतिरेश्वर ने दी पांच हजार की सहयोग राशि
भाजपा किसान मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरेश्वर सिंह भी कलेश्वर के परिजनों से मिलने पहुंचे. उन्होंने परिजनों को पांच हजार की सहायता राशि दी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कलेश्वर की पत्नी का कर्ज माफ नहीं करती है, तो वे खुद इसका भुगतान करेंगे. उनके साथ अमरनाथ चौधरी, संजय कुशवाहा, अजय तिवारी, टुन्ना उपाध्याय आदि थे.