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रांची-जमशेदपुर एनएच निर्माण की गति से नाराज काेर्ट ने कहा, संवेदक कंपनी ने लोगों को धोखा दिया है, खो दी है विश्वसनीयता

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को रांची-जमशेदपुर एनएच के तेजी से फोर लेनिंग कार्य को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. संवेदक कंपनी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी. कंपनी के कनीय अधिकारी द्वारा शपथ पत्र दायर करने पर कोर्ट ने फटकार लगायी. कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि अापने […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को रांची-जमशेदपुर एनएच के तेजी से फोर लेनिंग कार्य को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. संवेदक कंपनी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी. कंपनी के कनीय अधिकारी द्वारा शपथ पत्र दायर करने पर कोर्ट ने फटकार लगायी.

कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि अापने लोगों को धोखा दिया है. लोगों की विश्ववसनीयता खो दी है. पूर्व में आपने (संवेदक कंपनी ने) अंडर टेकिंग देकर कहा था कि दिसंबर 2017 तक रांची-जमशेदपुर एनएच के फोर लेनिंग का कार्य पूरा हो जायेगा. अब कंपनी द्वारा शपथ पत्र दाखिल कर बताया जा रहा है कि मई 2018 में फोर लेनिंग का कार्य पूरा होने की संभावना है. कोर्ट ने संवेदक से पूछा कि एनएच चाैड़ीकरण के लिए कितनी राशि बताैर बैंक से ऋण लिया है. कितनी राशि दूसरे कार्यों में डायवर्ट की है.

कोर्ट ने कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) को शपथ पत्र के माध्यम से अंडरटेकिंग दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि फोर लेनिंग कार्य कब तक पूरा हो जायेगा. मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व संवेदक कंपनी की अोर से खंडपीठ को बताया गया एनएच फोर लेनिंग का कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूरा हो गया है. सुनवाई के दौरान नेशनल हाइवे अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा व संवेदक कंपनी की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार दास ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि रांची-जमशेदपुर एनएच का फोर लेनिंग कार्य पिछले कई वर्षों से चल रहा है. हाइकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

सरकार जल्द जमीन हस्तांतरित करे
रांची. झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को अधिवक्ताअों को घर बनाने के लिए जमीन आवंटित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार को सारी आैपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर जमीन हस्तांतरित करने का निर्देश दिया. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि वह नामकुम, नगड़ी अंचलों के विभिन्न माैजा में अधिवक्ताअों को मकान बनाने के लिए 48 एकड़ जमीन देने को तैयार है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखा.
मोमेंटम झारखंड मामले में सुनवाई
रांची. झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को मोमेंटम झारखंड के नाम पर हुए करोड़ों की वित्तीय अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पहले प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया गया. लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किये गये. आयोजन के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया है. बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी की गयी हैै. उन्होंने पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने की जरूरत बतायी. प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए सरकार की अोर से कहा गया कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इस बिंदु पर सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 30 जून की तिथि निर्धारित की.

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