रांची. पॉलिथीन के खिलाफ मुहिम पहले अपने घर से शुरू करेंगे़ खुद पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने का संकल्प लेंगे़ समाज को पॉलिथीन से होने वाले नुकसान को बतायेंगे़ समाज में जागरूकता के साथ हालात बदलेंगे़ कुछ ऐसा ही संकल्प पर्यावरण दिवस के दिन प्रभात खबर परिचर्चा में पहुंचे लोगों ने लिया़ सोमवार को प्रभात खबर सभागार में पर्यावरण और पॉलिथीन विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई.
इसमें नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, डीडीसी विरेंद्र कुमार सिंह, एसडीओ भोर सिंह यादव, पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनय अग्रवाल आदि शामिल हुए. परिचर्चा में पहुंचे लोगों ने प्रभात खबर के अभियान की प्रशंसा की़ सबने पहले अपने घर, फिर शहर और राज्य को पॉलिथीन मुक्त बनाने का संकल्प लिया़ अखबार के साथ इस मुहिम में कंधा मिला कर चलने की बात कही़ वक्ताओं ने कहा कि सबकुछ सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता.खुद में सुधार जरूरी है.
हालांकि कानून का भय भी होना चाहिए़ 40 माइक्रोन से नीचे के पॉलिथीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगना चाहिए़ परिचर्चा सार्थक, सकारात्मक और एक नयी उम्मीद के साथ संपन्न हुई़ इससे पहले प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने विषय प्रवेश कराया. धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा और कार्यक्रम का संचालन स्थानीय संपादक विजय पाठक ने किया. इस मौके पर प्रभात खबर के एमडी केके गाेयनका और कार्यकारी निदेशक आरके दत्ता मौजूद थे.
अपने घर से करना होगा पॉलिथीन का बहिष्कार
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि हर आदमी पॉलिथीन के दुष्प्रभाव को जानता है, लेकिन इस्तेमाल सभी करते हैं. सिर्फ दिवस मनाने से कुछ नहीं होता है. हमारी परंपरा बन गयी है दिवस मनाने की, लेकिन उसकी महत्ता नहीं जानते हैं. जब तक खुद में सुधार नहीं होगा तब तक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता़ हमें अपने घर में पॉलिथीन का बहिष्कार करना होगा. चेंबर के पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दुकानदार पॉलिथीन का इस्तेमाल नहीं करें. हर चीज सरकार के भरोसे संभव नहीं है. सरकार तो प्रयास करती ही है, लेकिन लोगों को जागरूक होना होगा. हर कोई जानता है कि पॉलिथीन का प्रयोग कर वह गुनाह कर रहा है, लेकिन जानते हुए भी वही काम करते हैं. प्रभात खबर काफी समय से पॉलिथीन के दुष्प्रभावों से लोगों को अवगत करा रहा है. जागरूक कर रहा है, जो सराहनीय कदम है.
बेहतर भविष्य के लिए प्लास्टिक का उपयोग बंद हो
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि पॉलिथीन से सिर्फ नदी-नाला के अस्तित्व पर ही असर नहीं पड़ा है. अब तो खेत में हल उतारने पर खेत की मिट्टी के नीचे से भी पॉलिथीन ही निकल रहा है. जिन नदियों में कभी नाव चलती थी, आज पॉलिथीन से वह नदियां भर गयी हैं. इस पर हम सभी को सोचना होगा. इसलिए पॉलिथीन पर रोक किसी एक व्यक्ति के चाहने से नहीं लगेगा. इसके लिए सबको आगे आना होगा. यदि हम चाहते हैं कि आनेवाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो, तो हमें इसके उपयोग पर रोक लगानी होगी. लोगों को जागरूक करना होगा.
अपने वार्ड के चार हजार घरों में दूंगा थैला थोक बिक्री पर लगे रोक
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि तीन साल पहले 40 माइक्रोन से कम के पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगी. परंतु यह कारगर नहीं हुआ. बैन के नाम पर सिर्फ छोटे व्यापारियों पर कार्रवाई होती है. थोक बिक्री पर रोक लगाने की जरूरत है. कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां के लोगों को इसके दुष्परिणाम की जानकारी नहीं है. इनलोगों को जागरूक करना होगा. इसलिए हमने यह ठाना है कि अपने वार्ड के चार हजार घरों में कपड़े का एक-एक थैला बांटूंगा. यह योजना भी बनी है कि यदि किसी व्यक्ति ने अपने एक हजार वर्गफीट के घर में पेड़ लगाया है, तो उसे होल्डिंग टैक्स में छूट दी जायेगी. किसी ने घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया है, तो उसे भी टैक्स में निर्धारित छूट दी जायेगी.
पॉलिथीन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
उप विकास आयुक्त वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पॉलिथीन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जिसकी जानकारी सबको है, लेकिन इस्तेमाल सब करते हैं. पॉलिथीन के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए लोगाें काे जागरूक करना होगा. हम लोगों के समय कागज के थैले का प्रचलन था, जिसमें 10 किलो तक का सामान चला आता था. सब्जी विक्रेता और ठेला लगा कर खाद्य पदार्थ की बिक्री करने वालों को जागरूक करना होगा. उनकी मानसिकता को बदलना होगा. आज हम इस कार्यक्रम के तहत यहां पॉलिथीन के बहिष्कार की शपथ लेंगे, लेकिन बाहर निकलते ही फिर हम पॉलिथीन में सामान खरीदेंगे.
पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने में सहयोग करेगा प्रशासन
एसडीओ भोर सिंह यादव ने कहा कि पॉलिथीन से वातावरण सबसे ज्यादा प्रदूषित होता है. 40 माइक्रोन से कम के पॉलिथीन का उपयोग नहीं होना चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं होता है. सरकार हर संभव मदद को तैयार है. चाय के लिए प्लास्टिक के कप का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि हमारे पास कागज निर्मित कप भी हैं. पत्तों से बने दोना (पत्तल) का इस्तेमाल कर हम पर्यावरण से भी जुड़ सकते हैं. इससे रोजगार भी मिलेगा. प्लास्टिक का कप तो काफी हानिकारक है, लेकिन फिर भी हम इस्तेमाल करते हैं. नियमानुसार प्रशासन पॉलिथीन को लेकर कार्रवाई करेगा.
भस्मासुर बन गया है पॉलिथीन, रोकना जरूरी : नीतीश प्रियदर्शी
पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि प्लास्टिक विश्व के लिए भस्मासुर बन गया है. यह जल-थल के साथ प्रकृति के हर अंग को खराब कर रहा है. आज जब बड़ी नदियों की सफाई होती है या बाढ़ से जब ऊपर की मिट्टी बह कर निकलती है, तो उसके नीचे परत दर परत पाॅलिथीन ही निकलता है. कांके जैसे इलाके में पानी नहीं मिल रहा है. इसका एकमात्र कारण है कि यहां जमीन के नीचे पॉलिथीन बस गया है. बारिश का पानी भूगर्भ जल के रूप में रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. लोग सुविधा के लिए प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं. आज पॉलिथीन को डिस्पोज बड़ी चुनौती है. इसे खुले में नष्ट किया गया, तो जहरीली गैस निकलती है. इससे फेफड़ा खराब हो सकता है. प्लास्टिक के उपयोग से कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं. इसलिए हमें अपने आदत में यह शुमार करना होगा कि हम जब भी घर से निकलें, एक झोला अपने वाहन में हमेशा रखें.
धरती का कर्ज हम सभी पर इसे चुकाना होगा : यशवंत
पर्यावरण दोस्त संस्था के यशवंत कुमार ने कहा कि हम सभी ने इस धरती पर जन्म लिया है, तो इस धरती का हमारे ऊपर भी कर्ज है. हमें इस कर्ज को चुकाना होगा. हमने अपने दाेस्तों के साथ मिल कर अब तक सात बार करमटोली तालाब में सफाई अभियान चलाया है. आज हम जहां भी अभियान चलाते हैं. पर्यावरण के लिए हम कुछ करना चाहते हैं, तो वह चैंबर में बैठ कर नहीं होगा. इसके लिए हमें धरती पर उतर कर ऐसे कार्यों को पूरा करना होगा.
पालन के लिए कठोर निर्णय की जरूरत : आलोक दुबे
कांग्रेस नेता आलोक दुबे ने कहा कि पॉलिथीन को लेकर मुहिम चलायी गयी. मैंने खुद लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया. स्कूल कॉलेज तक गये. पाॅलिथीन के दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जानकारी दी. युवा जुड़ गये. बच्चों ने अपने अभिभावकों की मानसिकता को बदल दिया. काफी दिन तक हमलोगों ने अभियान चलाया. हमें लगता है कि कुछ दिन और अभियान चलता, तो सकारात्मक परिणाम आता. पॉलिथीन के बहिष्कार की इस मुहिम में हम प्रभात खबर के साथ हैं.
बैन लगे, लेकिन व्यवसायियों को समय दिया जाये : थेपड़ा
व्यवसायी राजीव थेपड़ा ने कहा कि मैं 30 वर्षों से पॉलिथीन का व्यवसाय कर रहा हूं. प्रशासन इस पर बैन लगाता है, तो इसका स्वागत है. सिर्फ फुटपाथ में उपयोग होनेवाले पॉलिथीन पर ही बैन नहीं लगे. बल्कि पान गुटखा से लेकर अन्य सभी सामान जो पॉलिथीन में पैक होकर आते हैं, सबका उपयोग बंद हो. यदि प्रशासन इस पर बैन लगाता है, तो इसके लिए एक डेडलाइन तय हो. ताकि दुकानदारों के पास जो भी स्टॉक बचा हुआ है, उसे बेच कर लागत निकाल सकें.