उन्होंने सभी जिलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों के खाते में स्कूल किट की राशि ट्रांसफर करने को कहा. बेंच-डेस्क की खरीदारी भी इस माह के अंत तक पूरा करने को कहा गया है. परियोजना निदेशक मुकेश कुमार ने कहा कि जो गैर निबंधित मदरसे अथवा इंटर काॅलेज आधार नामांकन की जानकारी नहीं दे रहे हैं, उन्हें 10 दिनों के अंदर नोटिस देकर बंद करने का आदेश दिया जाये. उन्होंने कहा कि पाकुड़ और सिमडेगा जिले की तुलना में राजधानी रांची में 84 प्रतिशत ही आधार नामांकन की रिपोर्ट दी गयी है. यह चिंताजनक है. रांची जिले में पांच से 18 आयु वर्ग के 8.10 लाख बच्चे हैं. इनमें से 4.74 लाख सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं. 3.36 लाख बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. निजी स्कूलों में आधार नामांकन की स्थिति अच्छी नहीं है. राजधानी के 99 ऐसे स्कूल और इंटर काॅलेज हैं, जिन्होंने जिला स्तरीय वेबसाइट डायस पर बच्चों की जानकारी उपलब्ध नहीं करायी है. उन्होंने इस वर्ष हुए 1.20 लाख कम नामांकन पर भी चिंता जतायी है.
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निर्देश: शिक्षा सचिव ने जिलों के डीएसइ के साथ बैठक की, कहा विद्यालयों के खराब नतीजों में सुधार लायें, नहीं तो कार्रवाई
रांची : स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव आराधना पटनायक ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीएसइ) को खराब नतीजों में सुधार लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजे आशानुरूप नहीं हो रहे हैं. ऐसे में जिला शिक्षा अधीक्षकों की यह जवाबदेही है कि वे बच्चों की उपस्थिति में […]
रांची : स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव आराधना पटनायक ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीएसइ) को खराब नतीजों में सुधार लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजे आशानुरूप नहीं हो रहे हैं. ऐसे में जिला शिक्षा अधीक्षकों की यह जवाबदेही है कि वे बच्चों की उपस्थिति में सुधार लाते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर अधिक ध्यान दें. ऐसा नहीं करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. विभागीय सचिव सोमवार को सभी जिलों के डीएसइ के साथ बैठक कर रही थीं.
श्रीमती पटनायक ने राज्य के सभी जिलों में अधूरे पड़े स्कूल भवनों का निर्माण कार्य दो महीने में पूरा करने का भी निर्देश दिया. केंद्र सरकार की योजना के तहत आधार नंबर और उसके अनुरूप बच्चों का नामांकन 30 जून तक सुनिश्चित कराने का आदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंडों में पांच-पांच पंचायतों को एक पखवारे के अंदर जीरो ड्राॅप आउट पंचायत बनाना जरूरी है. अगस्त माह के पहले सप्ताह तक यह संख्या 10-10 तक पहुंचाने को कहा गया है.
उन्होंने सभी जिलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों के खाते में स्कूल किट की राशि ट्रांसफर करने को कहा. बेंच-डेस्क की खरीदारी भी इस माह के अंत तक पूरा करने को कहा गया है. परियोजना निदेशक मुकेश कुमार ने कहा कि जो गैर निबंधित मदरसे अथवा इंटर काॅलेज आधार नामांकन की जानकारी नहीं दे रहे हैं, उन्हें 10 दिनों के अंदर नोटिस देकर बंद करने का आदेश दिया जाये. उन्होंने कहा कि पाकुड़ और सिमडेगा जिले की तुलना में राजधानी रांची में 84 प्रतिशत ही आधार नामांकन की रिपोर्ट दी गयी है. यह चिंताजनक है. रांची जिले में पांच से 18 आयु वर्ग के 8.10 लाख बच्चे हैं. इनमें से 4.74 लाख सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं. 3.36 लाख बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. निजी स्कूलों में आधार नामांकन की स्थिति अच्छी नहीं है. राजधानी के 99 ऐसे स्कूल और इंटर काॅलेज हैं, जिन्होंने जिला स्तरीय वेबसाइट डायस पर बच्चों की जानकारी उपलब्ध नहीं करायी है. उन्होंने इस वर्ष हुए 1.20 लाख कम नामांकन पर भी चिंता जतायी है.
एक हजार पंचायतों को जीरो ड्राॅप आउट घोषित करेगी सरकार : स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव आराधना पटनायक ने कहा है कि मुख्यमंत्री आगामी 15 अगस्त को झारखंड में एक हजार पंचायतों को जीरो ड्राॅप आउट घोषित करेंगे. फिलहाल 650 पंचायत ही जीरो ड्राॅप आउट हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गांव-गांव जाकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बाल मजदूरी न कर रहा हो.
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