गिद्दी : अरगडा व सिरका सहित सीसीएल की 10 भूमिगत खदानें प्रबंधन ने बंद करने का निर्णय ले लिया है. इसकी कागजी प्रक्रिया चल रही है. सीसीएल के अधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सीसीएल प्रबंधन ने अरगडा क्षेत्र की सिरका, अरगडा, कुजू की दो, कथारा की दो, बरका-सयाल की दो, बीएंडके की एक व पिपरवार की एक भूमिगत खदान बंद करने की योजना बनायी है. प्रबंधन की सोच है कि भूमिगत खदानें सीसीएल के लिए अब फायदेमंद नहीं है. इस दृष्टिकोण से यह कदम उठाया जा रहा है. अरगडा खुली खदान वर्ष 1924 में बंगाल नागपुर रेलवे (बीएनआर) ने खोला था. इसके बाद एनसीडीसी के अधीन यह परियोजना चलने लगी.
इसके बाद ही सिरका की कई भूमिगत खदानें चालू हुई. धीरे-धीरे अरगडा क्षेत्र की गिद्दी, रैलीगढ़ा, सिरका व अरगडा की कई भूमिगत खदानें बंद हो गयी. सिरका व अरगडा की भूमिगत खदानें पिछले कुछ वर्षों से आशा के अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर रही थी. इस दृष्टिकोण से ही प्रबंधन ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है.
कर्मियों का किया जायेगा समायोजन : एके सिंह
अरगडा महाप्रबंधक एके सिंह ने कहा कि अरगडा व सिरका भूमिगत खदान में पांच सौ से अधिक कर्मी कार्यरत है. भूमिगत खदानें बंद होने के बाद यहां के मजदूरों को क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं में समायोजित किया जायेगा. क्षेत्र के बाद सरप्लस मजदूरों को दूसरे क्षेत्रों में भेजा जायेगा.