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एनपीवी जमा करें सीसीएल के जीएम : डीएफओ

रामगढ़ : वन प्रमंडल पदाधिकारी रामगढ़ ने अपने अधीन क्षेत्र के सीसीएल के महाप्रबंधकों को अधीनस्थ लीज क्षेत्र के वन भूमि, जंगल झाड़ी भूमि, रैयती भूमि व अन्य भूमि (खतियान के अनुसार)जमा करने का निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा सीसीएल को […]

रामगढ़ : वन प्रमंडल पदाधिकारी रामगढ़ ने अपने अधीन क्षेत्र के सीसीएल के महाप्रबंधकों को अधीनस्थ लीज क्षेत्र के वन भूमि, जंगल झाड़ी भूमि, रैयती भूमि व अन्य भूमि (खतियान के अनुसार)जमा करने का निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा सीसीएल को कोयला खनन के लिए स्टेज वन व स्टेज टू की स्वीकृति विभिन्न शर्तों पर दी गयी है.
अनेक शर्तों में लीज क्षेत्र के चारों ओर चार फीट उंचाई का आरसीसी पीलर का निर्माण करना है. इसके साथ ही एक पिलर से दूसरे पिलर की दूरी वैकवर्ड एंड फारवर्ड वियरिंग जीपीएस को-ओडिनेटस की विवरणी प्रयोक्ता अभिकरण द्वारा समर्पित करना है. लेकिन सीसीएल प्रबंधन द्वारा वर्षों बाद भी सरकार के लगाये गये शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है. जो वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन है.
लीज क्षेत्र का सीमांकन नहीं रहने से हो रहा है अतिक्रमण व अवैध उत्खनन : भारत सरकार के शर्तों के अनुपालन नहीं होने की स्थिति में लीज क्षेत्र के चारों ओर सीमांकन नहीं कराने के फलस्वरूप ग्रामीणों एवं आम जनता को यह पता नहीं चलता है कि सीसीएल द्वारा अपयोजित वन भूमि/गैर वन भूमि कहां-कहां और कौन सा है.
इसके कारण गलत फायदा कोयला माफियाओं द्वारा उठाया जाता है और अतिक्रमण कर कोयला का अवैध खनन व निष्कासन किया जा रहा है. साथ ही लोगों द्वारा अतिक्रमण कर बना लिया जाता है. सीसीएल के कई लीज क्षेत्रों में अवस्थित वन भूमि का अतिक्रमण कर घर बने हुए पाये गये है.

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