केदला : कोल मंत्रालय व सरकार जेबीसीसीआइ के गठन से बचना चाहती है, ताकि 10वां वेतन समझौता लागू न हो सके. उक्त बात भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय सचिव शंकर सिंह ने गुरुवार को सीसीएल के केदला उत्खनन परियोजना के पीओ कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन के दौरान मजदूरों को संबोधित करते हुए कही.
श्री सिंह ने कहा कि कोल इंडिया के प्रबंधन मजदूरों को भुलाना चाहती है. जबकि कोल मंत्रालय समय सीमा के अंदर वेज बोड समझौता गठन करने का निर्णय लिया था. अब गठन करने में आना कानी कर रहा है. अगामी 30 जून को 10 वां वेतन समझौता समाप्त होने जा रहा है. अभी तक कोल मंत्रालय द्वारा 10 वां वेतन समझौता लागू करने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं किया गया है.
जो मजदूरों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है. उन्होंने कहा कि मजदूरों के हित के लिए 10 वां वेतन समझौता लागू नहीं किया गया, तो कोयला उद्योग के मजदूर कभी भी हड़ताल पर जा सकते हैं. इसे लेकर हजारीबाग एरिया क्षेत्र के सभी सीसीएल परियोजना में बृहद पैमाने पर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन मांगों पर जल्द सहमति नही बनाती है, तो दूसरे चरण में सीसीएल के सभी परियोजना में पीट मीटिंग कर सरकार के चरित्र के बारे में बताने का काम किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने आंदोलन छेड़ दिया है. मजदूरों को हक और अधिकार जरूर मिलेगा. मौके पर बीएमएस ने व मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ 10 मिनट तक नारेबाजी की.
इस अवसर पर आरडी शर्मा, मंतोष कुमार सिंह, रितेश कुमार सिंह, कामख्या प्रसाद, अरुण हेम्ब्रोम, पप्पू दूबे, टेको चंद्र महतो, चंदन कुमार सिंह, बाल देव महतो, राजेंद्र गंझू, वासु मांझी, आदि उपस्थित थे. वही परेज पूर्वी उत्खनन परियोजना, झारखंड उत्खनन परियोजना व केदला भूगर्भ परियोजना में भी विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की गयी.